-साढू द्वारा जो आरोप लगाए जा रहे हैं वह झूठे हैं। इलाज कराने में कोई लापरवाही नहीं बरती गई है। सोमवार सुबह जैसे ही अचानक से तबियत खराब हुई। फौरन जिला अस्पताल लाकर इलाज कराया गया।
अरविंद खरे, उप जेल अधीक्षक।
-रिश्तेदारों ने जेल प्रबंधन पर इलाज कराने में लापरवाही बरतने का लगाया आरोप -न्यायाधीश करेंगे मामले की न्यायिक जांच, सोमवार सुबह 4.50 बजे जेल पुलिस आरोपी को लेकर आई थी जिला अस्पताल
कटनी•Aug 28, 2019 / 09:10 pm•
dharmendra pandey
सिविल सर्जन के कक्ष के पास खड़ी पुलिस।
कटनी. जिला जेल झिंझरी में बंद विचाराधीन कैदी की इलाज के दौरान सोमवार दोपहर 3.30 बजे के लगभग मौत हो गई हैं। उसे सुबह 4.50 बजे इलाज के लिए से जिला अस्पताल लाकर भर्ती कराया गया था। जिला अस्पताल पहुंचे मृतक के रिश्तेदारों ने जेल प्रबंधन पर इलाज कराने में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। इधर, कैदी की मौत पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं।
जिला जेल झिंझरी से मिली जानकारी अनुसार मृतक संपत (53) कटंगी नाका टेमनी मोड़ थाना रामनगर जिला गोंदिया 29 सितंबर 2018 से जेल में बंद था। उस पर कोतवाली थाना में हत्या सहित अन्य कई प्रकरण दर्ज हैं। सोमवार सुबह कैदी की अचानक से तबीयत खराब हो गई। उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया। यहां पर डॉक्टरों ने भर्ती कर इलाज शुरू किया। दोपहर 3.30 बजे के लगभग कैदी ने दम तोड़ दिया। इसके बाद डॉक्टरों ने जेल पुलिस को सूचना दी। जानकारी मिलने पर अस्पताल पहुंची पुलिस ने कलेक्टर, एसपी व परिजनों को सूचना दी। दूसरी तरफ कैदी की मौत पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने न्यायिक जांच के आदेश दिए। परिजनों को बयान लेने सीजेएम विजय कुमार सोनी, नायब तहसीलदार रवींद्र पटेल, माधवनगर थाना प्रभारी संजय दुबे व झिंझरी चौकी प्रभारी प्रीति पंाडे सहित बड़ी संख्या में पुलिस जिला अस्पताल पहुंचा।
साढ़ू ने जेल प्रबंधन पर लगाया इलाज में देरी बरतने का आरोप
आरोपी संपत के मौत की सूचना पाकर घंटाघर निवासी साढ़ू संतोष सरावगी व सतीश सरागवी जिला अस्पताल पहुंचे। जेल प्रबंधन पर इलाज देरी से करवाने का आरोप लगाया। संतोष के बेटे सतीश सरावगी ने कहा कि वह शनिवार को फोन पर संपत से बात हुई थी। उन्होंने तबियत खराब होने की जानकारी दी थी। इधर, मामले की जांच करने पहुंचे न्यायाधीश व अफसरों ने पीएम के लिए पंचनामा कार्रवाई में सहयोग करने को कहा, लेकिन रिश्तेदारों ने मना कर दिया। इसके बाद सभी लोग चले गए।
-साढू द्वारा जो आरोप लगाए जा रहे हैं वह झूठे हैं। इलाज कराने में कोई लापरवाही नहीं बरती गई है। सोमवार सुबह जैसे ही अचानक से तबियत खराब हुई। फौरन जिला अस्पताल लाकर इलाज कराया गया।
अरविंद खरे, उप जेल अधीक्षक।