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कटनी

20 किलोमीटर के आधे मार्ग में सांस लेना दूभर, 38 माह बाद भी बाइपास अधूरा

20 माह में तैयार हो जाना था पीरबाबा से चाका बाइपास का निर्माण, ठेका कंपनी की लापरवाही व नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की बेपरवाही के चलते लोग परेशान

कटनीNov 26, 2023 / 09:13 pm

balmeek pandey

20 किलोमीटर के आधे मार्ग में सांस लेना दूभर, 38 माह बाद भी बाइपास अधूरा

20 किलोमीटर के आधे मार्ग में सांस लेना दूभर, 38 माह बाद भी बाइपास अधूरा

कटनी. शहर व जिले में होने वाले विकास कार्य समय पर न होने के कारण लोगों के लिए नासूर बनते जा रहे हैं। कटनी नदी पुल निर्माण व लमतरा फ्लाइओवर का लोगों ने दंश झेला तो वहीं लगभग तीन साल से लोग बाइपास उन्नययन कार्य में बरती जा रही लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे हैं। कई गंभीर हादसे होने के बाद भी एनएचएआइ के अफसर ध्यान नहीं दे रहे। आलम यह है कि जिस बाइपास का निर्माण 20 माह में पूरा हो जाना था वह तीन साल में नहीं हो पाया है। ठेका कंपनी श्रीजी कंस्ट्रक्शन पर विभाग सहित जिले के अफसर मेहरबान हैं। सडक़ निर्माण के लिए अवैध खनन, समय पर काम ना करने, निर्माण के दौरान मानकों का पालन ना करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। 24 घंटे उड़ते धूल के गुबार के कारण लोगों का यहां पर सांस लेना भी दूभर हो रहा है। इस मार्ग से आवागमन करने वाले लोग दहशत के साये में सफर कर रहे हैं, इसके बाद भी जिम्मेदार समय पर निर्माण पूर्ण कराने कोई पहल नहीं कर रहे।
जानकारी के अनुसार चाका बाइपास से लेकर पीरबाबा बाइपास तक बनने वाली 20 किलोमीटर फोन-लेन सडक़ का निर्माण हो रहा है। 192 करोड़ रुपए की लागत से नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) द्वारा श्रीजी कंस्ट्रक्शन इन्फ्रास्ट्रक्चर द्वारा कराया जा रहा है। 15 सितंबर 2020 से काम शुरू हुआ था। बाइपास उन्नययन का काम 20 माह में 15 मई 2022 तक पूरा होना था, लेकिन 38 माह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी पूरा नहीं हो पाया। ठेका कंपनी द्वारा समय पर काम नहीं किया गया, इस पर आजतक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

हो रही गंभीर परेशानी
सडक़ का निर्माण ना होने से पूर मार्ग में लोगों को परेशान हो रही है। सबसे अधिक समस्या बाइपास में पडऩे वाले गावों के रहवासियों को हो रही है। आए दिन हादसे हो रहे हैं। कंपनी द्वारा एकदम धीमी गति से काम किया जा रहा है। जानकारों की मानें तो 38 माह में अभी 70 फीसदी काम ही हो पाया है। 30 प्रतिशत काम शेष है, जिस गति से काम चल रहा है पूरा होने में एक साल से अधिक का वक्त लग सकता है। यहां पर ना तो पानी का छिडक़ाव हो रहा है और ना ही संकेतक लगाए गए हैं।

यह हो रहा है निर्माण
जानकारी के अनुसार 20 किलोमीटर के बाइपास में फोर-लेन सडक़ के साथ व्हाइटनिंग भी कराया जाना है। इसमें दो फ्लाइओवर बन रहे हैं। पहला फ्लाइओर पीरबाबा व दूसरा फ्लाइओवर चाका बाइपास में तैयार कराया जा रहा है। ये दो साल से बन रहे हैं, लेकिन आजतक पूरे नहीं हो पाए। पांच अडंरपास बनाए गए हैं, ताकि ग्रामीणों को आवागमन में परेशानी न हो। इसमें पन्ना मार्ग, दमोह मार्ग, गुलवारा, द्वारा व कैलवारा शामिल हैं। इसके अलावा कटनी नदी पर एक माइनर ब्रिज भी तैयार कराया जाना है, जिसका भी काम अधूरा है।

नहीं बढ़ रही रफ्तार
श्रीजी कंपनी द्वारा सडक़ निर्माण का जो काम किया जा रहा है उसकी रफ्तार एकदम धीमी है। तय मियाद पूरी होने के बाद भी ठेकेदार द्वारा काम में गति नहीं लाई जाती। कभी भूमि अधिग्रहण का मामला तो कभी स्वीकृति में देरी आदि की वजह बताकर काम में देरी की गई। इतना ही नहीं जहां पर काम हो रहा है, वहां पर सुरक्षा व गुणवत्ता मानकों का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा। पूर्व में एजेंसी द्वारा जांच भी कराई गई, कई स्थानों पर तोडफ़ोड़ भी कराई गई थी।

लोगों की मुश्किलें नहीं हो रहीं कम
बता दें कि इस फोर-लेन सडक़ का निर्माण हो जाने से न सिर्फ हाइवे में सफर करने वाले लोगों का सफर आसान हो जाएगा, बल्कि शहर व जिलेवासियों सहित आसपास के लोगों को काफी सहूलियत होगी। अभी दो-लाइन सडक़ के कारण आए दिन हादसे होते हैं।


वर्जन
बाइपास निर्माण का 76 प्रतिशत कार्य हो गया है। सीबीआइ द्वारा की गई कार्रवाई के कारण कुछ देरी हुई है। रेलवे के स्थान पर काम अधिक रुका है। ठेकेदार को समय-समय पर नोटिस दिया गया है। ठेकेदार पर कार्रवाई के लिए मुख्यालय भी प्रस्ताव भेजा जा रहा है। समय पर काम न करने पर पेनाल्टी लगाए जाएगी।
आनंद कुमार, प्रोजेक्ट हेड एनएचएआइ।

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