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कटनी

44 साल से मांग रहे पट्टा, हाथ आया सिर्फ आश्वासन

दुविधा में सिंधी समाज पट्टा मिलने की बात कहकर निकाली गई शोभायात्रा पर विश्वास करें या अब पट्टे को लेकर सीएम से मुलाकात पर

कटनीJun 27, 2018 / 09:43 pm

raghavendra chaturvedi

Leaving the demand for 44 years, only the assurance came

44 साल से मांग रहे पट्टा, हाथ आया सिर्फ आश्वासन

कटनी. माधवनगर में पुनर्वास पट्टे को लेकर सिंधी समाज अब नेताओं के वायदे और घोषणाओं से उपर उठकर हाथ में पट्टा दिलाने की मांग कर रहा है। 1948 में पश्चिमी पाकिस्तान के सिंध प्रांत से आये सिंधी समाज के लोगों को 26 साल बाद 1974 में पट्टा दिया गया। तब 37 सौ पट्टे की डिमांड पर 1711 पट्टे ही स्वीकृत हुआ। उस समय भी पट्टे के एरिया से बाहर मकान व दुकान का निर्माण करा चुके 2 हजार लोगों को पट्टा नहीं मिला। तब से लेकर अब तक 44 साल से सिंधी समाज अतिरिक्त भूमि पर काबिज समाजजनों के लिए पट्टा की मांग कर रहा है। इन 44 सालों में डिमांड करने वाले आवेदकों की संख्या भी दो से बढ़कर चार हजार हो गई। खासबात यह है कि इस मामले में भाजपा के नेता समाजजनों को राज्य सरकार द्वारा पट्टा दिलवाने की बात कहकर कभी समाज के बीच शोभायात्रा निकालकर पहुंचते हैं, तो कुछ ही माह बाद उसी मांग को लेकर सीएम से गुहार लगाने पहुंचते हैं। ऐसे में समाज के लोग इस दुविधा में हैं कि जनप्रतिनिधियों की पहले शोभायात्रा पर विश्वास किया जाये या अब सीएम से मुलाकात पर।
3 माह ऐसे चला घटनाक्रम
– 16 मार्च को प्रदेश सरकार के राजस्व मंत्री उमशंकर गुप्ता द्वारा दखलरहित भूमि विशेष उपबंध अधिनियम 1970 में संशोधन किया जाकर राज्य के अधिक से अधिक पात्र व्यक्तियों को लाभ दिलाने विधानसभा में संशोधन विधेयक प्रस्तुत किए जाने की बात कही गई। इसके बाद माधवनगर में सिंधी समाज के बीच इस बात का संदेश प्रसारित करवाया गया कि सरकार उनको पट्टा दे रही है।
– 17 मार्च को प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री संजय पाठक शोभायात्रा के साथ माधवनगर पहुंचे और समाज के वरिष्ठ लोगों से मुलाकात की।
– 17 मार्च की ही शाम समाज के लोग विधायक संदीप जायसवाल के घर पहुंचे और पट्टा में सरकार की पॉलिसी पर धन्यवाद ज्ञापित किया।
– 3 माह तक कुछ नहीं होने के बाद 17 जून को समाज के लोग बड़ी संख्या में एकत्रित हुए और बैठक में निर्णय लिया पट्टा को लेकर मांग बुलंद किया जायगा।
– 18 जून को समाज के लोग मौन जुलूस निकालकर माधवनगर से कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मांग बुलंद की।
– 23 जून को कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता विवेक तन्खा ने कटनी प्रवास के दौरान सिंधी समाज को मिलने वाले पट्टा का मुद्दा उठाया। उन्होंने मंच से कहा कि इस मामले में समाज के साथ ठीक नहीं हो रहा है।
– 25 जून को प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री संजय पाठक, स्थानीय विधायक संदीप जायसवाल, महापौर शशांक श्रीवास्तव, जिलाध्यक्ष पीतांबर टोपनानी मुख्यमंत्री से मिले और वस्तुस्थिति से अवगत कराया।

प्रशासन का तर्क
माधवनगर में 80 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जिनके पास पट्टा नहीं है। पूरे मामले को लेकर प्रशासन के आला अधिकारियों का कहना है कि इन लोगों का कब्जा अतिक्रमण की श्रेणी में है। ऐसे में जब तक सरकार की नई पॉलिसी इस विषय पर नहीं बनती। पट्टा बनाना संभव नहीं है। ऐसे मामले में पट्टा बनता है तो प्रदेश के लिए उदाहरण बनेगा और लोग दूसरे स्थानों पर जिनका ऐसे अतिक्रमण है। वे उदाहरण मानकर कब्जे के पट्टे की मांग करेंगे।

शाबाशी उसी को जो काम करे
सिंधी समाज के लिए पुनर्वास पट्टे की मांग के जानकार और पूर्व में माधवनगर के सरपंच रहे गंगाराम कटारिया ने बताया कि इस मामले में हम शाबाशी उसी को देंगे जो काम करेगा। बहुत हो गया वायदे, अब ऐसी बातें बर्दाश्त नहीं होगी। हम समाज के उन लोगों के लिए पट्टे की मांग कर रहे हैं, जिनका परिवार बढ़ गया। माधवनगर में १२ सीटों में इन्हे पट्टा दिया जाये।
जिनके पास पट्टा उसी का नवीनीकरण
विधायक संदीप जायसवाल ने बताया कि वर्तमान पॉलिसी में जिन 1711 लोगों के पास पट्टा है उसी के नवीनीकरण की बात है। सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर बताया गया कि इस पॉलिसी से माधवनगर में रहने वाले 80 प्रतिशत लोगों को लाभ नहीं मिलेगा। क्योंकि उनके नाम पट्टा ही नहीं है। इस पर सीएम ने विस्थापन की पूरी जानकारी मांगकर नई पॉलिसी बनाने की बात कही है।
शोभायात्रा को सही माने या सीएम से मुलाकात को
कांग्रेस पार्टी जिला इकाई शहर अध्यक्ष मिथिलेश जैन के अनुसार सिंधी समाज के त्यौहार चेट्री चंड पर पट्टा बांटने की घोषणा मंत्री जी ने किया था। समाजजनों को अब तक पट्टा नहीं मिला। ऐसे में समाज के लोगों को कब तक आश्वासनों पर रखा जाएगा। १५ साल में समस्या का समाधान नहीं हुआ। ऐसे में तीन माह पहले की शोभायात्रा को सही माने या फिर सीएम से मुलाकात को।

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