प्रदेश सरकार से मिले टारगेट के अनुसार 30 जून की स्थिति में जिले को पूरी तरह से खुले से शौच मुक्त बनाना है। शौचालय के काम में प्रगति आए, इसके लिए कलेक्टर ने वन विभाग, शिक्षा विभाग, आबकारी विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, जिला शिक्षा केंद्र, एनआरएलएम, जन अभियान परिषद, कृषि व राजस्व विभाग के अफसरों की ड्यूटी लगाई। हर सप्ताह शैाचालय बनवाने का लक्ष्य दिया। एक दिन में कितने शौचालय बनवाए गए है, हर दिन इसकी जानकारी देने के निर्देश दिए। साथ ही लक्ष्य के अनुसार 95 व 90 प्रतिशत कार्य कराने वाले अधिकारियों को क्रमश: 5व 4 स्टार दिए जाते, लेकिन स्थिति यह है कि अधिकारी स्टार लेने को भी तैयार नहीं है। कलेक्टर ने जिन विभागों की ड्यूटी लगाई है, इनमें से कई अधिकारी तो गांव में गए ही नहीं है। सिर्फ वन विभाग के अधिकारी गौरव मिश्रा ही कुछ हद तक शौचालय बनवाने में सफल हुए है। शेष अधिकारियों की प्रगति रिपोर्ट शून्य के लगभग है।
यह रहीं प्रगति रिपोर्ट
विभाग अधिकारी लक्ष्य पूर्ति
वन विभाग गौरव मिश्रा 160- 51
आबकारी विभाग आरके केरार 161-11
महिला एवं बाल विकास विभाग प्रतिभा पांडे 72-01
जिला शिक्षा केंद्र एनपी दुबे 174-29
एनआरएलएम शबाना बेगम 86-22
शिक्षा विभाग एसएन पांडे 44-00
जनअभियान परिषद आनंद पांडे 91-10
कृषि विभाग एसके राठौर 45-12
राजस्व विभाग धर्मेंद्र मिश्रा 247-26
इनका कहना है
ग्राम पंचायतों को ओडीएफ बनवाने के लिए जिला प्रशासन के कुछ विभागों के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। एक सप्ताह में कितने शौचालय बनवाने है, उसका लक्ष्य भी दिया गया है। पहले चरण में बड़वारा ब्लॉक को ओडीएफ बनाना है, लेकिन विभागीय अधिकारी स्वच्छ भारत अभियान में पूरी तरह से सहयोग नहीं किया जा रहा है। इसके लिए कलेक्टर से चर्चा की जाएगी।
फ्रेंकनोबलए, सीईओ, जिला पंचायत।