गांव में निर्माणाधीन बाजार चबूतरा पिछले सात साल से अधूरा पड़ा है। अब तक जितना भी काम हुआ है, वह भी घटिया दर्जे की है। यही कारण है कि बाजार चबूतरे में जगह-जगह दरारें आ चुकी है। कुछ कालम तो धराशाई हो कर गिर भी गए हैं। बावजूद इसके पंचायत पदाधिकारियों को होश नहीं है। हालात इतने बुरे हैं कि इन सात सालों में एक भी बार विभागीय अधिकारी ने निर्माण कार्य का निरीक्षण करना जरूरी नहीं समझा। यही कारण है कि निर्माण एजेंसी पंचायत गांव में बन रहे बाजार चबूतरे को आधा अधूरा बनाकर ही छोड़ दिया है, जो पिछले 7 सालों से आधा अधूरा ही पड़ा हुआ है।
ग्राम सेमरिया में सप्ताहिक बाजार अब तक नहीं लग पाई है। बाजार नहीं लगने के कारण सेमरिया के लोगों को 3 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत गोछिया और झिरौनी स्थित सप्ताहिक बाजार जाना पड़ता है। इसके बावजूद पंचायत पदाधिकारियों को यह समस्या दिखाई नहीं दे रही है। यदि पंचायत प्रतिनिधियों ने अधुरा निर्माणाधीन बाजार शेड का काम पूरा हो जाता तो यहां भी सप्ताहिक बाजार लगता, जिससे गांव सहित आसपास गांव के लोगों को इसका लाभ मिलता। ग्रामीणों को बाजार करने के लिए दूसरे गांव जाना नहीं पड़ता। स्थानीय स्तर में बाजार का लाभ गांव में मिल पाता।