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इस संबंध में केंद्र सरकार के साथ एमओयू भी साइन हुआ है। इसके अलावा प्रदेश में चार परिपथ बनाए जा रहे हैं, जिनमें वन्यजीव, बौद्ध, विरासत और ईको परिपथ हैं। इनमें ओंकारेश्वर और अमरकंटक के विकास को भी जोड़ लिया गया है। इन योजनाओं के लिए केंद्र सरकार करीब 500 करोड़ रुपए खर्च कर रही है।
खजुराहो को ‘खजूरपुरा व ‘खजूर वाहिका’ के नाम से जाना जाता था। यहां बड़ी संख्या में प्राचीन मंदिर हैं….
ओंकारेश्वर
प्रसाद योजना के तहत शिव ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर को शामिल किया गया। यहां पर कुल 45 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
अमरकंटक
जीवनदायिनी नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक को भी शामिल किया गया है। यहां के विकास के लिए 50 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं।
इन परिपथों पर इतना खर्च
वन्यजीव परिपथ- 92.22 करोड़ खर्च होंगे। मुकुंदपुर, संजय डुबरी, पन्ना, बांधवगढ़, कान्हा और पेंच को जोड़ेंगे
बौद्ध परिपथ- 74 करोड़ मंजूर किए हैं। सांची, सतना, रीवा, मंदसौर और धार का विकास किया जाएगा।
विरासत परिपथ- 90 करोड़ की लागत से ग्वालियर, ओरछा, खजुराहो, चंदेरी, भीमबैठिका और मांडू का विकास होगा।
ईको परिपथ- 95 करोड़ से गांधीसागर, मंडलेश्वर, ओंकारेश्वर, इंदिरा सागर, तवा बांध, बरगी बांध का विकास होगा।