सूखी नदियों को जल स्रोत बढ़ाकर देना होगा पुनर्जीवन
-नर्दी पुनर्जीवन अभियान की कलेक्टर ने की समीक्षा-जिले की कई नदियों पर बनाए जाएंगे स्टाप डेम, बोरी बंधान
-नर्दी पुनर्जीवन अभियान की कलेक्टर ने की समीक्षा-जिले की कई नदियों पर बनाए जाएंगे स्टाप डेम, बोरी बंधान
खंडवा. जिलेे में सूखी नदियों को पुनर्जीवन देने के लिए नदी पुनर्जीवन कार्यक्रम चलाया जा रहा है। नदी पुनर्जीवन के कार्यों को रोजगार गारंटी योजना में भी शामिल किया गया है। मंगलवार को कलेक्टर तन्वी सुंद्रियाल ने नर्दी पुनर्जीवन कार्यक्रम की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा इस कार्यक्रम को आम आदमी से जोड़कर जन आंदोलन के रूप में संचालित किया जाना चाहिए, तभी ये कार्यक्रम सफल होगा। बैठक में नदी पुनर्जीवन कार्यक्रम को लेकर प्रोजेक्टर से प्रेजेंटेशन भी दिया गया।
बैठक में जिपं सीईओ रोशनकुमार सिंह ने बताया कि जिले में नदी पुनर्जीवन कार्यक्रम के तहत पहले चरण में खंडवा, छैगांवमाखन व पुनासा विकासखंड के विभिन्न ग्रामों में पूर्व में बहने वाली कावेरी नदी को चयनित किया गया तथा इस सूख चुकी नदी के आसपास जल स्तर बढ़ाने के अनेकों कार्य स्वीकृत किए गए है। उन्होंने बताया कि लगभग 54 किलो मीटर लंबी कावेरी नदी का कैचमेंट एरिया 47091 हेक्टेयर है। उन्होंने बताया कि नदी पुर्नजीवन कार्यक्रम के तहत दूसरे चरण में जिले की रूपारेल नदी का चिह्नांकन किया गया। रूपारेल हरसूद व खालवा विकासखंड के विभिन्न ग्रामों से होकर बहती थी, लेकिन पिछले कई वर्ष से लगभग सूख चुकी है। रूपारेल नदी के पुर्नजीवन के लिए जनपद पंचायत, हरसूद व जनपद पंचायत, खालवा द्वारा बहुत से कार्य स्वीकृत किए गए है। रोशन सिंह ने बताया कि जिले में नदी पुनर्जीवन कार्यक्रम के तहत बड़ी संख्या में स्टॉप डेम, चेक डेम, निस्तार तालाब, पोखर, खेत तालाब, नाला विस्तारीकरण, गली प्लगिंग, गेवियन स्ट्रक्चर, कंटूर ट्रेंच जैसी संरचनाएं निर्मित कराई गई है, ताकि वर्षा का जल इनमें रुके और गांव का जल स्तर भरपूर रहे।
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