18 हजार किसानों ने इ-मंडी के तहत अनाज बेचा इ-मंडी व्यवस्था एक जनवरी प्रभावशील हुई। इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 27 दिसंबर माह को शुरू किया गया था। एक जनवरी से फरवरी के बीच 18 हजार किसानों ने इ-मंडी के तहत अनाज बेचा है। किसानों के अनुसार इ-मंडी व्यवस्था ठीक है। शेड के नीचे ही अनाज की मात्रा और कीमत निर्धारित हो जाती है। नीलामी के समय ही पर्ची मिल जाती है। नीलामी के आधार पर खाते में ऑनलाइन पैसा भी ट्रांजेक्शन हो जाता है। घर बैठे ही भाव का पता चल जाता है। किस मंडी में कितना भाव मिल रहा है। मोबाइल पर ही भाव का पता चलने पर संबंधित मंडी में अनाज लेकर पहुंच जाते हैं। इस व्यवस्था से किसान और व्यापारी दोनों को सुविधाएं बेहतर हुई है।
महिलाओं ने हाथ में पकड़ी मशीनें, बढ़ानी पड़ी पीओएस इ-मंडी की शुरुआत दो मशीनों से हुई। जनवरी में मशीनें छह हो गईं। फरवरी में किसानों की संख्या बढ़ी तो मशीनें 12-15 लगानी पड़ी। अब मार्च में मशीनों की संख्या बढ़कर 25 हो गई है। प्रारंभ में महिला कर्मचारी नीलामी कार्य में नहीं लगी थीं, अब महिला कर्मचारियों ने नीलामी का कार्य शुरू कर दिया है। अधिकारियों का दावा है कि प्रारंभ में प्रक्रिया जटिल लग रही थी। अब सभी किसान और व्यापारी को सुविधाएं बेहतर मिलने से सभी किसान इ-मंडी से अनाज का नीलामी करा रहे हैं।
पहले अंग्रेजी और अब हिंदी में मिल रही पर्ची इ-मंडी प्रक्रिया में अनाज की नीलामी में पहले मशीन से अंग्रेजी में लिखी पर्ची मिल रही थी। इससे किसानों को पढ़ने में असुविधा हुई। किसानों की मांग के बाद पर्ची हिंदी में मिलने लगी। सचिव ने बताया कि प्रारंभ में पीओएस से अंग्रेजी में लिखी पर्ची निकल रही थी। किसानों के इस समस्या को दूर करने मंडी बोर्ड को पत्र लिखा। अब किसानों को पर्ची हिंदी में मिलने लगी। इससे किसानों को पढ़ने में सहूलियत मिलती है।
फैक्ट फाइल 17,861-जनवरी से अब तक तौल 4,204-6 मार्च को तौल वर्जन…इ-मंडी प्रकिया से किसानों और व्यापारी दोनों को सहूलियत मिल रही। इस व्यवस्था से नीलामी और भुगतान में पारदर्शिता बढ़ी है। शुरूआत में सभी को प्रक्रिया जटिल लगी। लेकिन अब सुविधा के अनुसार इ-मंडी के तहत अनाज की नीलामी में हर रोज किसानों की संख्या बढ़ रही है। अब पूरी क्षमता से इ-मंडी के तहत अनाज की तौल की जा रही है। ओपी खेड़े, सचिव, कृषि मंडी खंडवा