मुख्यमंत्री की सभा के लिए दो जगह मूंदी व परियोजना में हैलिपैड बनवाए गए थे। जिसके बाद मुख्यमंत्री की इच्छा थी कि किसान के खेत में कार्यकम हो। फिर यह सभा को परियोजना गेट के बाहर किसानों को तैयार कर किया गया।
जिस किसान की जमीन पर मुख्यमंत्री मंच बना था। उसके मालिक परसराम पिता भावसिंग निवासी सिंधखाल ने बताया, हमारे पर दबाव बनाकर सहमति ली। मेरे साथ अभयसिंह, सोमासिंह, बाबूलाल सभी की जमीन लेते समय जो वादे किए थे काम निकलने के बाद भूल गए। मेरी जमीन पर कुएं को मिट्टी डालकर बंद कर दिया। खेत की मेड़ पर छांव के लिए वर्षों से लगे नीम, बेर सहित अन्य 12 पेड़ों को काट दिया गया। साथ ही उस समय खेत में कपास की काठी तक निकालने नहीं दिया। जल्दबाजी में रोलर के नीचे कुचल दी। सभा के बाद से आजतक रोज यहां से कचरा उठाकर बाहर फेंक रहा हूं। कुआं बंद होने से फसल कैसे बोऊंगा। यातायात विभाग के बोर्ड भी जमीन पर पड़े हुए हैं।
विशेष गढ़पाले, कलेक्टर, खंडवा