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खंडवा

निजी लैब में हो रही डेंगू की जांच, सामने नहीं आ रहे आंकडे

-लैब संचालक स्वास्थ्य विभाग को नहीं देते जानकारी-एलाइजा टेस्ट से ही डेंगू पॉजिटिव मान्य, एंटिजन टेस्ट की मान्यता नहीं-डेंगू लार्वा सर्वे के लिए घूम रही टीम, दो घरों में बनाए चालान

खंडवाOct 19, 2020 / 10:27 pm

मनीष अरोड़ा

निजी लैब में हो रही डेंगू की जांच, सामने नहीं आ रहे आंकडे

-लैब संचालक स्वास्थ्य विभाग को नहीं देते जानकारी-एलाइजा टेस्ट से ही डेंगू पॉजिटिव मान्य, एंटिजन टेस्ट की मान्यता नहीं-डेंगू लार्वा सर्वे के लिए घूम रही टीम, दो घरों में बनाए चालान

खंडवा.
शहर में डेंगू का प्रकोप फैलने के बाद स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम स्वास्थ्य अमला लगातार कार्रवाई में लगा हुआ है। वहीं, निजी पैथालॉजी लैब में हो रही डेंगू जांच के कारण आंकड़े सामने नहीं आ रहे है। कोरोना की तरह मरीज की जानकारी देने की बाध्यता नहीं होने के कारण निजी लैब संचालक डेंगू जांच के बाद स्वासथ्य विभाग को बता भी नहीं रहे है। सबसे बड़ी बात ये है कि डेंगू की जांच के लिए शासन द्वारा सिर्फ एलाइजा टेस्ट की ही मान्यता है। जबकि निजी लैब में कार्ड एंटिजन किट से जांच की जा रही है, जो मान्य नहीं है।
शहर में लगातार मिल रहे डेंगू के मरीजों की जानकारी मिलते ही मलेरिया विभाग और नगर निगम स्वास्थ्य अमला हरकत में आया था। शुक्रवार से मलेरिया विभाग और निगम स्वास्थ्य अमले द्वारा डेंगू ग्रसित क्षेत्रों में जांच शुरू की गई। इस दौरान 9 मरीजों की स्लाइड बनाकर जांच भी कराई गई थी। जिसमें से सोमवार को एक की रिपोर्ट डेंगू पॉजिटिव आई है। अब शहर में 44 मरीज डेंगू के हो चुके है। वहीं, सोमवार को मलेरिया विभाग की टीम और नगर निगम स्वास्थ्य अमले ने पदम नगर क्षेत्र में डेंगू लार्वा सर्वे अभियान चलाया। इस दौरान 130 घरों में जांच की गई। जिसमें दो घरों में डेंगू लार्वा मिलने पर 200-200 रुपए का जुर्माना नगर निगम स्वास्थ्य अमले द्वारा किया गया।
निजी लैब में 600 रुपए लगते जांच के
डेंगू की जांच के लिए जिला अस्पताल के नैदानिक केंद्र में एलाइजा टेस्ट के माध्यम से फ्री जांच की जाती है। जिसमें 24 घंटे में जांच रिपोर्ट आती है। जबकि शहर में कई निजी लैब संचालक रेपिड कार्ड टेस्ट कर आधे घंटे में जांच रिपोर्ट दे रहे है। जिसके लिए 600 रुपए एक मरीज से वसूले जाते है। सूत्रों के मुताबिक निजी लैब संचालक कमाई के लिए कई बार सामान्य बुखार को भी डेंगू बताकर मरीज की जांच कर रहे हैं। ऐसे एक मामले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा निजी लैब संचालक को चेतावनी भी दी जा चुकी है।
एलाइजा टेस्ट रिपोर्ट ही मान्य
मलेरिया विभाग के अनुसार डेंगू के लिए एलाइजा टेस्ट को ही मान्यता है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा एंटिजन रेपिड टेस्ट को कोई मान्यता नहीं है और निजी लैब संचालक स्पष्ट रिपोर्ट भी नहीं दे सकते। इसके लिए उन्हें जांच रिपोर्ट में संदिग्ध लिखकर जिला अस्पताल में दोबारा जांच के लिए भिजवाना होता है, जिससे डेंगू के आंकड़े स्वास्थ्य विभाग को मिल सके। ओपीडी में दर्ज होने के बाद ही मलेरिया विभाग को डेंगू के सही आंकड़ों की जानकारी मिलती है। सूत्रों के मुताबिक शहर के कई नर्सिंग होम में ही डेंगू जांच कर मरीज का इलाज भी किया जा रहा है। इन मरीजों के आंकड़े स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है।
दिए है निर्देश, ओपीडी में भेजे मरीज
हमने सभी लैब संचालको को निर्देश दिए है कि वे यदि डेंगू की जांच करते हैं तो उसकी रिपोर्ट पर संदिग्ध लिखकर जिला अस्पताल की ओपीडी में जांच के लिए भेजे। इसके लिए एक लैब संचालक को चेतावनी भी दी है। साथ ही निजी नर्सिंग होम को भी कहा है कि वे बिना अस्पताल की रिपोर्ट के डेंगू का इलाज न करें।
डॉ. मनीषा जुनेजा, जिला मलेरिया अधिकारी

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