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ओंकारेश्वर बांध के पानी में घिर गया गांव, खतरे में कई जिंदगी

locationखंडवाPublished: Nov 01, 2019 12:12:16 pm

Submitted by:

Manish Gite

ओंकारेश्वर बांध में 196.6 मीटर तक पानी भरने के विरोध में 8वें दिन भी जारी रहा जल सत्याग्रह…।

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खंडवा। ओंकारेश्वर बांध में 196.6 मीटर तक पानी भरने के विरोध में डूब प्रभावितों का जल सत्याग्रह 8वें दिन शुक्रवार को भी जारी रहा। पानी के बीच रहकर जल सत्याग्रह कर रहे डूब प्रभावितों के पैर गलने लगे हैं। आंदोलनकारियों का स्वास्थ्य बिगड़ने लगा है। ज्यादा समय पानी में जमे रहने के कारण खुजली और बुखार से पीड़ित हो गए हैं। डूब प्रभावितों का कहना है कि सरकार जब तक प्रभावितों के हितों में निर्णय नहीं लेगी, तब तक सत्याग्रह भी जारी रहेगा।

इधर, बुधवार को डूब ग्राम एखंड में डूब प्रभावित की पानी में डूबने से मौत होने के बाद से प्रशासन ने ग्राम की बिजली बंद करा दी है। बिजली बंद होने के बाद से ग्राम 40 से अधिक घरों में अंधेरा छाया है। पानी के बीच घिरे ग्राम के रहवासी अंधेरे में रात गुजारने को मजबूर हैं। यहां बता दें कि डूब ग्राम घोघलगांव में करीब आठ दिनों से बिजली बंद है। इसके बाद से अंधेरे में ग्राम के लोग परेशान हो रहे हैं। वहीं मच्छरों के कारण बीमार पड़ रहे हैं। डूब प्रभावितों ने कहा कि सरकार उनके साथ जेल में बंद कैदियों की तरह बर्ताव कर रही है। स्थिति यह है कि पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं मिल रहा है और रात बिताने के लिए बिजली भी नहीं है। इस कारण बच्चों से लेकर बुजुर्ग परेशान हैं।

 

खुजली व बुखार से पीड़ित हैं सत्याग्रही
जल सत्याग्रह के 7वें दिन जल सत्याग्रहियों के स्वास्थ्य में गिरावट आई है। पैरों के तलवे की चमड़ी गलने लगी है। वीहं कमर तक पानी में खड़े रहने से शरीर में खुजली बढ़ रही है। पानी और सर्दी के कारण कुछ प्रभावितों को बुखार ने भी चपेट में ले लिया है। बावजूद इसके सत्याग्रहियों का कहना है कि ओंकारेश्वर बांध प्रभावितों के सभी अधिकार प्राप्त नहीं होने तक सत्याग्रह जारी रहेगा।

 

मकानों में घुसा पानी, सड़क पर बीत रही रातें
नर्मदा बचाओ आंदोलन के अजय गोस्वामी के मुताबिक ग्राम कामनखेड़ा में लगातार पानी का जल स्तर बढ़ता जा रहा है पांच घरों में पानी घुस गया है। इससे डूब प्रभावितों की गृहस्थी का सामान खराब हो गया है। साथ ही घरों में पानी घुसने के बाद से ही उक्त परिवार सड़क पर रात बिताने को मजबूर हैं। बच्चों के साथ महिलाएं भी सड़क पर रह रही हैं। इधर, आंदोलन के प्रमुख कार्यकर्ता आलोक अग्रवाल ने बिजली बंद कराने की कार्रवाई का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण हैं कि प्रदेश को बिजली देने वाली परियोजना से होने वाले प्रभावितों की ही बिजली काटी जा रही है। प्रदेश को रोशन करने वाले प्रभावितों के जीवन में अंधेरा किया जा रहा है।

 

मंत्री से की मांग
ओंकारेश्वर बांध प्रभावितों की मांगों को लेकर नर्मदा बचाओ आंदोलन की वरिष्ठ कार्यकर्ता चित्तरूपा पालित ने एनवीडीए मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल से मुलाकात की। इसमें मंत्री बघेल को डूब प्रभावितों की स्थितियों से अवगत कराया गया। दो मीटर पानी बढ़ने से कई घरों में पानी भर गया है। गांवों के रास्ते कट गए और सैकड़ों एकड़ जमीन टापू बन गई है। जबकि करीब दो हजार प्रभावितों का पुनर्वास नीति, राज्य सरकार के आदेशों व सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के मुताबिक पुनर्वास मिलना बाकी है। उन्होंने मंत्री बघेल से बांध का जल स्तर घटाने और जल्द प्रभावितों का पुनर्वास कराए जाने की मांग की है।

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