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नियमों के पालन के साथ होंगे ज्योतिर्लिंग ओंकरेश्वर के दर्शन

टोकनधारी दर्शनार्थी महाकाल मंदिर मार्ग से करेंगे प्रवेश-सामान्य दर्शनार्थियों को नए-पुराने पुल से होकर जाना होगा-सुबह एक घंटे का समय रहेगा स्थानीय निवासियों के लिए दर्शन का

खंडवाJun 11, 2020 / 10:23 pm

मनीष अरोड़ा

नियमों के पालन के साथ होंगे ज्योतिर्लिंग ओंकरेश्वर के दर्शन

टोकनधारी दर्शनार्थी महाकाल मंदिर मार्ग से करेंगे प्रवेश-सामान्य दर्शनार्थियों को नए-पुराने पुल से होकर जाना होगा-सुबह एक घंटे का समय रहेगा स्थानीय निवासियों के लिए दर्शन का

खंडवा.
ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर मंदिर को 16 जून से दर्शन के लिए खोले जाने की पूरी तैयारी की जा चुकी है। मंदिर ट्रस्ट द्वारा बाहर से आने वाले दर्शनार्थियों और स्थानीय निवासियों के लिए अलग-अलग व्यवस्था दर्शनों के लिए की गई है। टोकन धारी व वीआईपी दर्शनार्थियों के लिए महाकाल मंदिर मार्ग से प्रवेश कराया जाएगा। वहीं, सामान्य दर्शनार्थियों को नए व पुराने पुल से होकर गुजरना पड़ेगा। स्थानीय निवासियों के लिए सुबह एक घंटे का समय दर्शन के लिए तय किया गया है। गर्भगृह में किसी भी दर्शनार्थी का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।
कलेक्टर अनय द्विवेदी के निर्देश पर ओंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट व एसडीएम मांधाता डॉ. ममता खेड़े द्वारा ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग दर्शन के लिए निर्देश जारी किए गए है। जिसके तहत सभी सुरक्षा नियमों का पालन दर्शनार्थियों को करना होगा। प्रोटोकाल व वीआईपी टिकटधारियों के लिए महाकाल मंदिर के रास्ते से शनि मंदिर मार्ग होते हुए सुखदेव मुनि द्वार से प्रवेश कराया जाएगा। सामान्य दर्शनार्थियों के लिए नए पुराने दोनों पुल से प्रवेश कराया जाएगा। इसके लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन दर्शनार्थियों को करना होगा। मार्ग के बीच डिवाइडर लगाकर वन-वे किया गया है। सामान्य दर्शनार्थी नीचे शंकर गुफा द्वार से प्रवेश करेंगे। उन्हें सुखदेव मुनि द्वार से दर्शन कराए जाएंगे। स्थानीय निवासी सुबह 5 बजे से 6 बजे तक दर्शन कर पाएंगे। सुखदेव मुनि द्वार से एक घंटे में केवल 80 दर्शनार्थियों को दर्शन कराए जाएंगे। वहीं, मंदिर परिसर में दर्शन की कतार में केवल 120 व्यक्ति ही खड़े रहेंगे। दर्शन के लिए झिकझेक की व्यवस्था की गई है।
ये रहेगा प्रतिबंध
-गर्भगृह में प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा, त्रिकाल आरती में भी परंपरा अनुसार प्रवेश प्रतिबंध रहेगा।
-पूजन सामग्री, जल, प्रसादख् अभिषेक-पूजन, तिलक लगाना प्रतिबंधित रहेगा।
-परिसर के अन्य मंदिरों में भी प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।
-प्रसादालय व विश्रामालय भी बंद रहेगा।
-लकड़ी गेट से किसी को भी प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
-अभिषेक हाल में पंडितों द्वारा पूजन-अभिषेक प्रतिबंधित रहेगा। दान राशि केवल दानपेटी में डाली जा सकेगी।
-दर्शन के लिए 10 वर्ष से कम आयु के बच्चे व 65 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को स्वीकृति नहीं दी जाएगी।
-ओंकारेश्वर व निकटतम किसी भी नर्मदा घाट पर स्नान भी पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा।
इन नियमों का करना होगा पालन
-मंदिर में प्रवेश के पूर्व हाथ-पैर साबुन से धोना अनिवार्य होगा।
्र-श्रद्धालुओं को मॉस्क पहनना अनिवार्य रहेगा।
-तीर्थ क्षेत्र में गुटका-पान खाना, थुकना प्रतिबंधित रहेगा।
-सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा।
-जूते-चप्पल निर्दिष्ट स्थान पर ही रखे जाएंगे।
-बैग, सामान वाहनों में या मंदिर के अमानतघर में ही रखकर मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा।
-हैंड सैनेटाइजेशन के साथ फूट सैनेटाइजेशन भी किया जाएगा।

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