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खंडवा

ठंड बढऩे के बाद बढ़ी कड़कनाथ की मांग

-सोशल मीडिया पर केवीके ने बनाई साइट, अन्य प्रदेशों से भी आ रहे लोग-500 से ज्यादा कड़कनाथ मुर्गों का हो रहा केवीके में पालन

खंडवाJan 18, 2022 / 12:44 pm

मनीष अरोड़ा

ठंड बढऩे के बाद बढ़ी कड़कनाथ की मांग

-सोशल मीडिया पर केवीके ने बनाई साइट, अन्य प्रदेशों से भी आ रहे लोग-500 से ज्यादा कड़कनाथ मुर्गों का हो रहा केवीके में पालन

खंडवा.
ठंड में अपनी विशिष्ठ पहचान रखने वाले कड़कनाथ मुर्गे की मांग बढ़ी है। कृषि विज्ञान केंद्र में कड़कनाथ मुर्गी पालन केंद्र में आम सीजन की तुलना में सर्दी में 25 प्रतिशत ज्यादा बिक्री हो रही है। केवीके द्वारा सोशल मीडिया पर भी कड़कनाथ का प्रचार किया जा रहा है। जिसके चलते जिले ही नहीं, अन्य प्रदेशों से भी लोग भी कड़कनाथ मुर्गा खरीदने खंडवा आ रहे है।
कड़कनाथ मुर्गा गर्म इलाकों में पाया जाता है। पिछले कुछ सालों से केवीके ने भी खंडवा में कड़कनाथ मुर्गी पालन केंद्र खोलकर कड़कनाथ के अनुकूल वातावरण बनाकर चूजे और बड़े मुर्गे पालना शुरू किया है। ठंड से पहले कड़कनाथ की मांग केवल किसान द्वारा पालने के लिए की जा रही थी। जिसके बाद केवीके द्वारा सोशल मीडिया फेसबुक पेज, यू-ट्यूब, वॉट्सएप ग्रुप के माध्यम से इसका प्रचार-प्रसार शुरू किया था। जिसका फायदा अब देखने को मिल रहा है। सोशल मीडिया पर केवीके द्वारा कड़कनाथ पालन की पूरी विधि अपलोड की गई है और सलाह भी दी जा रही है। जिसके चलते कृषि विज्ञान केंद्र में कड़कनाथ मुर्गा और मुर्गियों की डिमांड बढऩे लगी है। खंडवा जिले के साथही उड़ीसा, महाराष्ट्र, कर्नाटक और यूपी से कड़कनाथ की मांग आने लगी है।
विशिष्ठ पहचान रखता कड़कनाथ
कड़कनाथ एक दुर्लभ प्रकार का मुर्गा है। दूसरी प्रजातियों के मुकाबले यह मुर्गा काफी महंगा होता है, ये अधिक स्वादिष्ट, पौष्टिक, सेहतमंद और औषधीय गुणों से भरपूर होता है। समान्य मुर्गों में 20 प्रतिशत प्रोटीन पाया जाता है, जबकि कड़कनाथ मुर्गे में करीब 25-30 प्रतिशत प्रोटीन पाया जाता है। कोरोना के बाद से लगातार इनकी डिमांड बड़ी है। केवीके मुर्गी पालन केंद्र में करीब 500 मुर्गे-मुर्गी और चिक्स का पालन हो रहा है।
बढ़ी है कड़कनाथ की मांग
सोशल मीडिया पर हम लगातार लोगों को कड़कनाथ के पालन सहित अन्य जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं। सोशल मीडिया की मदद से खंडवा सहित अन्य प्रदेशों से कड़कनाथ की डिमांड हमारे पास आ रही है। अभी महाराष्ट्र, उड़ीसा, राजस्थान, यूपी और कर्नाटक से हमारे पास लगातार कड़कनाथ की मांग आ चुकी है। खंडवा जिले के साथ ही हरदा और बुराहनपुर से लोग कड़कनाथ का पालन कर अपनी आमदनी बड़ा रहे हैं।
सुभाष रावत, कड़कनाथ मुर्गी पालन इकाई, केवीके
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