मटेरियल का भुगतान होगा मनरेगा में मटेरियल का भुगतान कराने के लिए पंचायत, ब्लाक व जिला स्तर पर श्रम व मटेरियल के लिए साठ चालीस का रेशियो मैच करना होगा। रेशो की रिपोर्ट के आधार पर ही मटेरियल का भुगतान होगा। उदाहरण के तौर पर पंधाना जनपद एरिया के श्रमिक शिवकुमार दांगोड़ ने मनरेगा में पंद्रह दिन काम किया है। ग्राम रोजगार सहायक ने दस दिन के भीतर भुगतान का दिलासा दिलाया था, लेकिन डेढ़ माह बाद भी बकाया भुगतान नहीं हुआ।
समय से दिहाड़ी नहीं मिलने से त्योहार फीका इसी तरह खंडवा ब्लॉक एरिया में मनरेगा में काम करने वाली सुषमाबाई ने अधिकारियों को सूचना दी है कि मजूदरी समय से नहीं मिलने के कारण रक्षा बंधन का त्योहार फीका रहेगा। ये कहानी अकेले सुषमा के साथ नहीं बल्कि मनरेगा में काम के बाद मजदूरी नहीं मिलने से सैकड़ों श्रमिकों की है। श्रमिकों ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अधिकारियों का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया है।
चार ब्लाकों में मटेरियल का सबसे अधिक बकाया मनरेगा की एमआइएस रिपोर्ट के मुताबित चार ब्लाकों में सबसे अधिक मटेरियल का भुगतान लंबित है। इसमें खंडवा, पंधाना और पुनासा से दो गुना अधिक हरसूद ब्लाक में चार करोड़ रुपए से अधिक बाकी है। जबकि खालवा में 107.95 लाख रुपए का भुगतान बकाया है। इसी तरह खंडवा जनपद में 262.29 और पंधाना में 244.28 लाख का भुगतान लंबित है। पुनासा में 244.28 लाख रुपए बकाया है।
फैक्ट फाइल ब्लाक बकाया भुगतान बलड़ी 59.2 छैगांव माखन 77.12 हरसूद 438.83 खालवा 107.95 खंडवा 262.29 पंधाना 244.28 पुनासा 244.28 कुल 1482.78 नोट: आंकड़े लाख में, मनरेगा साइट में एमआइएस रिपोर्ट से