मीटरीकरण करना मप्र बिजली नियामक आयोग एवं ऊर्जा विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है। जून 2019 को ऊर्जा मंत्री ने प्रदेशभर में मार्च 2020 तक पूर्ण मीटरकरण करने के निर्देश दिए हैं। जिले में करीब 80 हजार घरों में मीटर नहीं है। इसके लिए कंपनी ने तीन चरणों में मीटर लगाने का लक्ष्य तय किया। पहले चरण में नगरीय क्षेत्रों में 6800 घरों में मीटर लगाए गए हैं। दूसरे चरण में गांवों के 45 हजार पक्के मकानों में शत-प्रतिशत मीटर लगाने का लक्ष्य हाथ में लिया है। तीसरे चरण में शेष बचे घरों में मीटर लगाए जाएंगे। बिजली मीटर की कमी का खुलासा कंपनी द्वारा 6 माह पहले जून में कराए मीटर सर्वे में हुआ था। सर्वे 80299 घरेलू कनेक्शन में मीटर नहीं पाए गए थे। 30700 मीटर खराब, 14400 मीटर में गड़बड़ी, छेड़छाड़ मिले थे।
झेलना पड़ेगा औसत बिल का भार
जिले में लंबे समय से उपभोक्ताओं को औसत बिजली खपत का बिल थमाया जा रहा है। जिससे उपभोक्ताओं को सही खपत से ज्यादा बिल भरने की मार झेलना पड़ रही है। साथ ही कंपनी को भी राजस्व का नुकसान हो रहा। ऐसे में मीटरीकरण करने का लक्ष्य पूरा नहीं होगा तो उन उपभोक्ताओं को औसत बिल की मार झेलना पड़ेगी। जो कम बिजली खपत करते, लेकिन औसत खपत बिल जमा कर रहे।
मीटर नहीं लगने से इन्हें नहीं मिल रहा योजना का लाभ
घरेलू बिजली उपभोक्ता जिन्हें बगैर मीटर के औसत बिल दिया जा रहा। इन उपभोक्ताओं के रीडिंग का सही गुणांक नहीं हो पा रहा। जिससे ऐसे कई उपभोक्ताओं को राज्य सरकार की इंदिरा गृह ज्योति योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा। योजना में 100 यूनिट तक खपत करने 100 रुपए और 150 यूनिट तक 385 रुपए देना है।
जिले में लंबे समय से उपभोक्ताओं को औसत बिजली खपत का बिल थमाया जा रहा है। जिससे उपभोक्ताओं को सही खपत से ज्यादा बिल भरने की मार झेलना पड़ रही है। साथ ही कंपनी को भी राजस्व का नुकसान हो रहा। ऐसे में मीटरीकरण करने का लक्ष्य पूरा नहीं होगा तो उन उपभोक्ताओं को औसत बिल की मार झेलना पड़ेगी। जो कम बिजली खपत करते, लेकिन औसत खपत बिल जमा कर रहे।
मीटर नहीं लगने से इन्हें नहीं मिल रहा योजना का लाभ
घरेलू बिजली उपभोक्ता जिन्हें बगैर मीटर के औसत बिल दिया जा रहा। इन उपभोक्ताओं के रीडिंग का सही गुणांक नहीं हो पा रहा। जिससे ऐसे कई उपभोक्ताओं को राज्य सरकार की इंदिरा गृह ज्योति योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा। योजना में 100 यूनिट तक खपत करने 100 रुपए और 150 यूनिट तक 385 रुपए देना है।
30 हजार घरेलू कनेक्शन हुए
जिले में हर साल बिजली उपभोक्ता बढ़ रहे हैं। ढाई साल में 38 हजार से ज्यादा नए कनेक्शन हुए हंै। 1 अप्रैल 2019 से अब तक 10 हजार से ज्यादा उपभोक्ता बढ़े हंै। लेकिन नए मीटर की संख्या में इजाफा धीमी गति से हो रहा है। 1 अप्रैल से 16 नवंबर 2019 तक 13516 नए मीटर खंडवा एलटीएमटी (लोटेंशन मीटर टेस्टिंग लैब) में पहुंचे हैं। ऐसे में नए मीटर की संख्या कम आ रही है। जिससे लक्ष्य पूरा हो पाना संभव नहीं है।
जिले में हर साल बिजली उपभोक्ता बढ़ रहे हैं। ढाई साल में 38 हजार से ज्यादा नए कनेक्शन हुए हंै। 1 अप्रैल 2019 से अब तक 10 हजार से ज्यादा उपभोक्ता बढ़े हंै। लेकिन नए मीटर की संख्या में इजाफा धीमी गति से हो रहा है। 1 अप्रैल से 16 नवंबर 2019 तक 13516 नए मीटर खंडवा एलटीएमटी (लोटेंशन मीटर टेस्टिंग लैब) में पहुंचे हैं। ऐसे में नए मीटर की संख्या कम आ रही है। जिससे लक्ष्य पूरा हो पाना संभव नहीं है।
मार्च 2020 तक पूर्ण मीटरीकरण करने का लक्ष्य
&पहले चरण में नगरीय क्षेत्रों में 6800 नए मीटर लगाए हंै। दूसरे चरण में गांवों के 45 हजार पक्के मकानों में मीटर लगाने का लक्ष्य है। शेष बचे घरेलू उपभोक्ता के यहां तीसरे चरण में मीटर लगाए जाएंगे। मार्च 2020 तक पूर्ण मीटरकरण करने का लक्ष्य है।
एसआर सेमिल, अधीक्षण यंत्री, पक्षेविविकंपनी, खंडवा
&पहले चरण में नगरीय क्षेत्रों में 6800 नए मीटर लगाए हंै। दूसरे चरण में गांवों के 45 हजार पक्के मकानों में मीटर लगाने का लक्ष्य है। शेष बचे घरेलू उपभोक्ता के यहां तीसरे चरण में मीटर लगाए जाएंगे। मार्च 2020 तक पूर्ण मीटरकरण करने का लक्ष्य है।
एसआर सेमिल, अधीक्षण यंत्री, पक्षेविविकंपनी, खंडवा