हनुवंतिया पैराग्लाइडिंग दुर्घटना -मजिस्ट्रियल जांच के लिए तय किए बिंदू,
मजिस्ट्रियल जांच की 20 दिन में देनी होगी रिपोर्ट-पैराग्लाइडिंग उड़ान का लायसेंस, पायलेट के प्रशिक्षित होने की होगी जांच-मशीन की उड़ान क्षमता कितनी थी, लगातार उड़ाया जा सकता था या नहीं
मजिस्ट्रियल जांच की 20 दिन में देनी होगी रिपोर्ट-पैराग्लाइडिंग उड़ान का लायसेंस, पायलेट के प्रशिक्षित होने की होगी जांच-मशीन की उड़ान क्षमता कितनी थी, लगातार उड़ाया जा सकता था या नहीं
खंडवा.
हनुवंतिया में बुधवार को हुई पैराग्लाइडिंग दुर्घटना में दो लोगों की मौत के बाद कलेक्टर अनय द्विवेदी ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए है। जांच के लिए कलेक्टर द्वारा बिंदू तय किए गए हैं, जिन पर जांच पश्चात 20 दिन में रिपोर्ट देनी होगी। उल्लेखनीय है कि इस दुर्घटना में पैराग्लाइडिंग पायलेट भालचन्द्र डांगी पिता रामचंद्र डांगी तथा सन डेजर्ट कंपनी के कर्मचारी गजपाल सिंह पिता सुरेन्द्र सिंह निवासी बूढ़ा मांगलिया जिला पाली राजस्थान की मृत्यु हुई थी। अपर जिला दंडाधिकारी नंदा भलावे कुशरे द्वारा जारी आदेश अनुसार जांच के लिए एसडीएम पुनासा चंदर सिंह सोलंकी को अधिकृत किया गया है।
जांच के प्रमुख बिंदु
एसडीएम पुनासा सोलंकी जिन बिन्दुओं पर जांच कर प्रतिवेदन देंगे उनमें, यह घटना किन परिस्थितियों में हुई, घटना के लिए क्या कोई व्यक्ति विशेष जिम्मेदार है, क्या पैराग्लाइडिंग करवाने वाली मशीन इस कार्य के लिए उपयुक्त थी, यह मशीन किन परिस्थितियों में गिरी, क्या पैराग्लाइडिंग करवाने वाले को इस कार्य का पर्याप्त अनुभव था, पैराग्लाइडिंग करवाने वाली मशीन को लगातार कितने समय तक चलाया जा सकता था, यह मशीन कब से संचालित की जा रही थी, पैराग्लाइडिंग मशीन के संचालन के लिए प्राथमिक रूप से किन सावधानियों को रखा जाना आवश्यक है, क्या मशीन में पर्याप्त ईधन था, घटना स्थल से बिजली की लाइन कितनी दूर पर थी, क्या पैराग्लाइडिंग करवाने वाले के पास सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र था, क्या मशीन का रखरखाव निर्धारित मापदण्डों के अनुसार किया जा रहा था, क्या मशीन के रखरखाव के लिए कुशल कारीगर है, क्या इस घटना को टाला जा सकता था एवं भविष्य में इस तरह की घटना की दोबारा पुनरावृत्ति न हो उसे रोकने के लिए सुझाव व अन्य बिन्दु जो जांच के दौरान पाए जाएं। इस घटना के किसी प्रत्यक्षदर्शी के पास कोई तथ्य, साक्ष्य, जानकारी, फोटो, वीडियो उपलब्ध हो तो प्राप्त किए जाएं, व्यक्ति विशेष द्वारा जांचकर्ता अधिकारी को इस तरह की जानकारी उपलब्ध कराई जा सकती है। अपर जिला दंडाधिकारी कुशरे ने बताया कि एसडीएम पुनासा को निर्देश दिए गए है कि वे यह जांच 20 दिवस में पूर्ण कर प्रतिवेदन अपने अभिमत के साथ प्रस्तुत करें।
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