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खंडवा

बर्ड फ्लू को लेकर रेलवे की बड़ी लापरवाही

प्लेटफार्म नंबर पांच के पास मृत कौवों को खा रहे थे श्वान, तीन श्वान के शव मिले-दो दिन से मृत पड़े थे कौवें, श्वान, किसी ने भी नहीं दी विभाग को सूचना-पशु चिकित्सा विभाग का कहना पशुओं को नहीं होती पक्षियों की बीमारी

खंडवाJan 10, 2021 / 10:32 pm

मनीष अरोड़ा

बर्ड फ्लू को लेकर रेलवे की बड़ी लापरवाही

प्लेटफार्म नंबर पांच के पास मृत कौवों को खा रहे थे श्वान, तीन श्वान के शव मिले-दो दिन से मृत पड़े थे कौवें, श्वान, किसी ने भी नहीं दी विभाग को सूचना-पशु चिकित्सा विभाग का कहना पशुओं को नहीं होती पक्षियों की बीमारी

खंडवा.
बर्ड फ्लू को लेकर प्रशासन ने सावधानी बरतने के निर्देश के साथ ही धारा 144 भी लागू की हुई हैं। इस बीच रेलवे प्रबंधन की बड़ी लापरवाही बर्ड फ्लू को लेकर सामने आई है। रेलवे परिसर के प्लेटफार्म नंबर पांच के पास दो दिन में तीन कौवों की मौत हुई है। मृत कौवों को वहां मौजूद श्वान खा रहे थे। साथ ही यहां तीन श्वान के शव भी मिले हैं। रविवार को लोगों की सूचना के बाद समाजसेवियों ने नगर निगम के माध्यम से मृत कौवों और श्वानों के शवों को सुरक्षित जगह दफनाया।
रविवार सुबह 9 बजे रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म क्रमांक पांच के पास कुछ मृत कौवें और श्वान के शव पड़े होने की सूचना से हड़कंप मच गया। यहां मृत पड़े कौवों को श्वान के बच्चे खा रहे थे। वहीं पास में तीन श्वान के शव भी पड़े हु़ए थे। जिसमें एक शव दो दिन पुराना और दो शव एक दिन पुराने बताए जा रहे है। मामले की जानकारी मिलने पर समाजसेवी सुनील जैन ने मौके पर पहुंचकर स्टेशन मास्टर, पशु चिकित्सा विभाग और नगर निगम को इसकी जानकारी दी। यहां पहुंचे पशु चिकित्सक डॉ. प्रदीप गोलकर ने टीम के साथ मृत पशु-पक्षियों का निरीक्षण किया। जिसके बाद नगर निगम स्वास्थ्य प्रभारी शाहीन खान द्वारा सभी मृत कौवों, श्वानों को सुरक्षित रूप से ले जाकर दफन करवाया गया। साथ ही मृत पशु-पक्षी मिलने वाले स्थान पर ब्लीचिंग पाउडर छिड़काव कराया गया।
रेलवे के अधिकारियों ने नहीं दी सूचना
रेलवे परिसर में मृत कौवों के मिलने का ये दूसरा मामला है। इसके पूर्व खेड़ापति हनुमान मंदिर के पास रेलवे परिसर में 14 कौवें मृत पाए गए थे। तब भी रेलवे के जिम्मेदारों ने पशु चिकित्सा विभाग को सूचना नहीं दी थी। वहीं, दूसरी घटना में भी तीन दिन से मृत पशु-पक्षी प्लेटफार्म के पास मृत होने के बावजूद न तो अधिकारियों, न कर्मचारियों ने इसे देखा। मृत पक्षियों के पास श्वानों के शव मिलने से आशंका जताई जा रही है कि मृत कौवों को खाने से ही श्वानों की मौत हुई होगी। इस मामले में पशु चिकित्सा विभाग का कहना है कि बर्ड फ्लू पक्षियों की बीमारी है, जो पशुओं में जाना नामुमकिन है। संभवत: श्वानों की मौत फूड पाइजिनिंग से हुई होगी।
चमगादड़, चिडिय़ा, तोते की भी मौत
जिले में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद जिलेभर से मृत पक्षियों की सूचनाएं आ रही है। कौवों, बगुलों के बाद अब तोते, चमगादड़, चिडिय़ा की मौत के मामले सामने आए हैं। रविवार को हरसूद में एक तोता, छैगांवमाखन में चमगादड़, पुनासा में चिडिय़ा सहित रूस्तमपुर, डोंगरगांव, खंडवा शहरी क्षेत्र में 17 कौवों और दो कबूतर की मौत हुई है। साथ ही खंडवा के बुधवारा बाजार में एक मुर्गी मृत होने की सूचना भी मिली है। बर्ड फ्लू को लेकर पशु चिकित्सा विभाग द्वारा रविवार को विभिन्न पोल्ट्री फार्मों और चिकन दुकानों की जांच भी की गई।
फूड पाइजिनिंग हो सकती वजह
रेलवे प्लेटफार्म के पास मिले श्वानों के शव पुराने थे, संभावना है कि फूड पाइजिनिंग से उनकी मौत हुई होगी। रविवार को मृत तोते, चमगादड़ और चिडिय़ा के शव का सैंपल जांच के लिए भेजा गया है। पूर्व में भेजे गए कबूतर और मुर्गी के सैंपल की जांच अभी नहीं आई हैं। अब विभाग का पूरा फोकस पोल्ट्री फार्मों पर हैं। रविवार को निरीक्षण के दौरान कहीं भी बीमार या मृत मुर्गा, मुर्गी नहीं मिले है।
डॉ. नीरज कुमुद, पशु रोग अन्वेषण अधिकारी

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