पंडित वैभव भट्ट, पंकज शर्मा, प्रशांत वोरे ने बताया अनुष्ठान के समय ग्रंथ तो रहते ही हैं लेकिन एप के जरिए पूजन करवाना अधिक सुविधा जनक है। इसके अलावा अन्य एप में विभिन्न स्त्रोत, पाठ है। इसके जरिए भी पूजन कराया जा रहा है।
मंदिर में सप्ताह भर चलने वाले शतचंडी महायज्ञ में रोजाना पीठ पूजन के बाद देवीपाठ एवं स्वाहाकार जारी है। इसकी पूर्णाहुति रूद्र स्वाहाकार के साथ शनिवार को होगी। जम्बू ब्राह्मण समाज के देवानंद पागड़े ने बताया पूर्णाहुति एवं महाआरती में मंदिर में स्थापित नौ देवियों को छप्पन भोग लगाएंगे। महिला मंडल की रश्मि खोड़े, सुलोचना परसाई ने बताया समाज की महिलाएं छप्पन भोग अपने घर से बना कर माता को समक्ष रखेंगी।