ट्रैक पर चलेगा इलेक्ट्रिक पावर
खंडवा से गुजरने वाले मुंबई-दिल्ली ट्रैक को जल्द ही सनावद तक बढ़ाने का कार्य चल रहा है। जहां इस ट्रैक का विद्युतीकरण कार्य भी पूर्ण होने से कोयला परिवहन करने वाली मालगाड़ी का इलेक्ट्रिक इंजन बदल कर डीजल इंजन लगाने की झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। वहीं इस ट्रैक पर यात्री ट्रेन शुरू करने में भी आसानी होगी।
यात्री ट्रेन के पहले शुरू की मालगाड़ी
1 जनवरी 2018 को 56 किलोमीटर की सनावद-खंडवा मीटरगेज ट्रेन बंद होने के दौरान रेलवे ने दो साल में गेज कन्वर्जन का काम पूरा करने की बात कही थी। यात्रियों को आस थी कि जनवरी 2019 से ट्रैक पर यात्री गाड़ी दौडऩे लगेगी। रेलवे ने सनावद से खंडवा शहर के पास तक तो ट्रैक बना दिया, लेकिन रेलवे स्टेशन पर अब भी मीटरगेज पटरियां ही नजर आ रही हैं। यात्रियों की सुविधा को दरकिनार कर रेलवे पहले खंडवा की ओर से मालगाड़ी शुरू कर दी, जो मथेला के रास्ते सेल्दा तक कोयला परिवहन कर रही है। विदित हो कि एनटीपीसी ने इस ट्रैक के लिए रेलवे को करीब 456 करोड़ रुपए दिए हैं।
मेमू ट्रेन चलाने की मांग
मथेला स्टेशन से सनावद तक का रेलवे ट्रैक जुड़ चुका है। खंडवा से मथेला तक भी रेलवे ट्रैक तैयार है। रेलवे चाहे तो भुसावल से सनावद और भोपाल से सनावद के बीच मेमू ट्रेन चलाकर यात्रियों को सुविधा दे सकता है। इससे महाराष्ट्र से ओंकारेश्वर आने वाले श्रद्धालुओं और ग्रामीण यात्रियों को सुविधा मिलेगी।
खंडवा से सनावद तक रेलवे ट्रैक का कार्य लगभग अंतिम चरण में है। मार्च के बाद यहां रेल का परिचालन शुरू करने की संभावना है, लेकिन सनावद से इंदौर के बीच रेल मार्ग का निर्माण होने के बाद ही इस मार्ग पर रेल यातायात बढ़ेगा। वहीं मोरटक्का से महू का भी कार्य शीघ्र शुरू होगा।
– जयंत कुमार, पीआरओ रेल विभाग इंदौर