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किशनगढ़

रूठ न जाए विदेशी पावणे

गुंदोलाव झील का दिनों-दिन घट रहा जलस्तरपानी की कमी से जलीय जीव जतुओं पर मंडरा सकता है खतराझील में गिरता है गंदे नालों का पानीकिशनगढ़ की ऐतिहासिक गुंदोलाव झील में दिनों-दिन जल स्तर घटने से जगह-जगह जमीन दिखने लग गई है। इससे जलीय जीव-जतुंओं पर भी खतरा मंडराने लगा है। गुंदोलाव झील में बारिश के दौरान हमीर सागर तालाब के ओवरलो होने पर पानी झील में पहुंचता है। झील का फैलाव अच्छा होने और जलीय-जीव जतुंओं की अच्छी तादाद होने के कारण झील में विदेशी पावणे आते हैं। सर्दी के दौरान सैकडों की संया में यहां पर विदेशी पावणे पैलिकंस सहित देशी पावणे भी आए थे। वह करीब तीन महिने तक यहां पर रहे भी। वर्तमान में अब लेमिंगों ने ढेरा डाल रखा है, लेकिन लगातार पानी कम होने के कारण अब इनकी संया भी दिनों-दिन कम होती जा रही है। पानी की कमी के कारण जगह-जगह जमीन दिखने लग गई है। फूल महल के पास ही गहरा पानी है। इसके किनारे तो गर्मी के कारण सूख चुके हैं। वहां जमीन दिखाई देने लग गई है।

किशनगढ़May 05, 2019 / 08:28 pm

kali charan

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अच्छी तादाद में है मछलियां
नगर पालिका ने झील में मछली पकडऩे पर रोक लगा रखी है। मत्स्य विभाग की ओर से झील में मछली पकडऩे का भी ठेका नहीं दिया जाता है। इसके कारण झील में अच्छी तादाद में मछलियां है, लेकिन दिनों-दिन पानी की कमी के कारण इन पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।
झील में पहुंंच रहा नालों का पानी
गुंदोलाव झील में नगर से निकलने वाले अधिकांश गंदे नालों का पानी झील में पहुंच रहा है। स्थिति यह है कि चमड़ा घर, विराट नगर, लिंक रोड, तिलक नगर, रिद्दी-सिद्दी तिराहे से खिड़की वाले बालाजी तक घरों से निकलने वाला गंदा पानी सीधे झील में गिर रहा है। इससे पानी दूषित हो रहा है। राजस्थान स्टेट प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की ओर से समय-समय पर पानी के नमूने लेकर जांच के लिए भेजे जाते हैं। जांच में भी पानी का प्रदूषित माना गया है। आगामी दिनों में गर्मी तेज होने की स्थिति में और पानी सूखने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।
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