scriptagainst: ममता के खिलाफ 38 हस्तियां मैदान में, जानें क्यों | 38 celebrities are in the field against Mamta, know why | Patrika News
कोलकाता

against: ममता के खिलाफ 38 हस्तियां मैदान में, जानें क्यों

देश में Mob lynching के बढ़ते मामले पर कभीPrime Minister Narendra Modi के खिलाफ मुखर होने वाली कुछ Celebrities ने एक बार फिर मोर्चा खोला है। 49 Celebrities ने मोदी को खुला पत्र लिख कर अपनी चिंता जताई थी। अब Filmmaker Aparna Sen समेत 38 Celebrities पश्चिम बंगाल की Chief Minister and Trinamool Congress chief Mamta Banerjee के खिलाफ मैदान में आई हैं

कोलकाताAug 20, 2019 / 08:10 pm

Rabindra Rai

kolkata

ममता के खिलाफ 38 हस्तियां मैदान में, जानें क्यों

नई दिल्ली. कोलकाता. देश में मॉब लिंचिंग के बढ़ते मामले पर कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मुखर होने वाली कुछ हस्तियों ने एक बार फिर मोर्चा खोला है। 49 हस्तियों ने मोदी को खुला पत्र लिख कर अपनी चिंता जताई थी। अब फिल्म निर्माता अपर्णा सेन समेत 38 हस्तियां पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री तथा तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के खिलाफ मैदान में आई हैं। गत सोमवार को अपर्णा सेन समेत 10 के बाद के बाद मंगलवार को और 38 हस्तियों ने ममता बनर्जी को खुला पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने राज्य में हिंसा के बढ़ते मामलों पर ध्यान आकर्षित किया है। सिटीजन स्पीक इंडिया के सदस्यों की ओर से लिखे गए पत्र में सेन भी शामिल हैं, जो उन 49 हस्तियों में शामिल थीं, जिन्होंने देश में मॉब लिंचिंग के बढ़ते मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखा था। अपर्णा सेन (फिल्म निर्माता, अभिनेत्री), बोलन गंगोपाध्याय (एक्टिविस्ट), कौशिक सेन (अभिनेता, रंगमंच पर्सनालिटी), मुदार पथेर्य (सिटीजन), परमब्रत चट्टोपाध्याय (फिल्म निर्माता, अभिनेता), पिया चक्रवर्ती (शोधकर्ता), रेशमी सेन (रंगमंच पर्सनालिटी), रिद्धि सेन (अभिनेता), रूपा दासगुप्ता (एक्टिविस्ट), सोहाग सेन (रंगमंच पर्सनालिटी) के पत्र पर हस्ताक्षर हैं। पत्र में गत 17 अगस्त को पश्चिम बंगाल के कल्याणी में विरोध कर रहे शिक्षकों के एक समूह के खिलाफ पुलिस लाठीचार्ज का उल्लेख किया गया है। शिक्षक स्थायी शिक्षकों के रूप में वेतन वृद्धि समेत अन्य मांग कर रहे थे। पत्र में लिखा गया है कि प्रशासन राज्य के शिक्षकों के शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शन को बातचीत और बहस के माध्यम से हल करने की कोशिश की बजाय पुलिस की बर्बरता से इन विरोधों को खत्म करने के लिए अलोकतांत्रिक साधनों का सहारा ले रहा है। सेन ने ट्वीट भी किया था कि शिक्षकों पर पुलिस ने लाठी भांजी, महिला शिक्षकों से बदसलूकी की गई। राज्य सरकार क्या कर रही है।
19 अगस्त को कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के पार्ट टाइम शिक्षकों की ओर से सुबोध मल्लिक स्क्वायर में प्रस्तावित भूख हड़ताल मंच को पुलिस ने जबरन रोक दिया और कुछ प्रतिभागियों को उठा लिया गया। पत्र में एक थियेटर कर्मी शुभंकर दास पर कथित हमले का भी जिक्र किया गया है, गत 15 अगस्त को दमदम में अज्ञात लोगों ने दास को पीटा था। पत्र में लिखा है कि गत 15 अगस्त को ललित कला अकादमी में साम्प्रदायिकता और कट्टरवाद के खिलाफ एकजुट होने के लिए एक्टर्स यूनाइटेड की पहल पर तीन छोटे नुक्कड़ नाटक किए गए। घर लौटते समय क्टर्स यूनाइटेड के एक सदस्य शुभंकर दास शर्मा पर अज्ञात हमलावरों ने हमला किया था।
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