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कोलकाता

नशा मुक्ति केंद्र में मरीज की संदिग्ध मौत

– दक्षिण 24 परगना जिले के सोनारपुर में एक निजी नशा मुक्ति केंद्र में एक मरीज की संदिग्ध परिस्थियों में मौत हो गई। मृतक के परिजनों का आरोप है कि उनके मरीज को पीट-पीटकर मारा गया है।

कोलकाताDec 10, 2018 / 04:58 pm

Jyoti Dubey

Kolkata, West Bengal, India

नशा मुक्ति केंद्र में मरीज की संदिग्ध मौत

कोलकाता. दक्षिण 24 परगना जिले के सोनारपुर थाना संलग्न एक निजी नशा मुक्ति केंद्र में एक मरीज की संदिग्ध परिस्थियों में मौत हो गई। मृतक का नाम चिंटू राय है। रविवार की सुबह उसके परिजनों को उसका शव नजदीकी अस्पताल में पड़ा मिला। मृतक के परिजनों के अनुसार उसके शरीर के कई हिस्सों में चोट के निशान पाए गए हैं। उनका आरोप है कि उनके मरीज को उक्त नशा मुक्ति केंद्र के स्टाफों ने पीट-पीटकर मार डाला है। उनके अनुसार पेशे से गाड़ी चालक चिंटू को कार्य के सिलसिले में घर से बाहर रहते-रहते बुरी तरह से शराब व अन्य नशीले पदार्थों की लत लग गई थी। इसकी वजह से आए दिन घर में लड़ाई-झगड़ा करता था। वह भी नशे के इस दलदल से बाहर निकलना चाहता था, पर खुद को काबू नहीं कर पा रहा था। उसकी इस हालत को देखकर गत 29 नवंबर को उसके परिजनों ने उसे इस रिहैबिलेशन सेंटर में भर्ती कराया था। उन्हें उम्मीद थी कि वे जल्द ही अपने मरीज को स्वस्थ्य अवस्था में यहां से वापस ले जाएंगे। मगर शनिवार की रात अचानक उक्त नशा मुक्ति केंद्र से फोन कर उन्हें बताया गया कि उनके मरीज की तबीयत खराब है। उसे नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतक के परिजनों ने बताया कि केंद्र से फोन आने के बाद जब वे रात को ही अस्पताल पहुंचे तो वहां उन्हें मृत हालत में पड़ा मिला। उन्होंने सोनारपुर थाने में इसकी जानकारी दी और उक्त केंद्र के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। उन्होंने मृतक के शव को बरामद किया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। हालांकि इस मामले में अब तक उक्त रिहैब सेंटर के प्रबंधकों ने चुप्पी बनाए रखी है। मृतक के परिजनों की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। गौरतलब है कि इससे पहले भी गत 7 मई को सोनारपुर में ऐसे ही एक रिहैब सेंटर पर राजेश चौधरी नामक एक मरीज के हत्या का आरोप लगा था। उस दौरान भी मृतक के परिजनों का आरोप था कि रिहैबिलेशन सेंटर के कुछ स्टाफ राजेश को ट्रीटमेंट थेरेपी के नाम पर बेरहमी से पीटते थे। यही नहीं चिखने-चिल्लाने तथा उनका विरोध करने पर उसे भूखा-प्यासा भी रखा जाता था।

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