पहले भी बर्दवान के पचरा के किसान ने लगाय था फंदा मालूम हो कि गत 4 जनवरी को जमालपुर थाना क्षेत्र के पचरा सरकार डांगा इलाका निवासी गुलाम ने एक परित्यक्त मकान में फंदे लगाकर आत्महत्या कर ली थी। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार गुलाम ने पिछले साल बैंक एवं महाजन से कर्ज लेकर 15 बीघा जमीन पर आलू की खेती की थी। 1200 बोरा आलू का उत्पादन हुआ था। 200 बोरा आलू गुलाम ने उसी समय बेच दिया था। बाकी 1000 बोरा आलू इलाके के कोल्ड स्टोरेज में रखा था। वहां से फिर एक बार 200 बोरा आलू बेचा था। बाकी माल पड़ा हुआ था। नया आलू आने के बाद कोल्ड स्टोरेज की तरफ से पुराने आलू को निलामी में बेच दिया। निलामी में आलू 40-50 रुपए प्रति बोरा की दर से बिका था। इस प्रकार उसे भारी नुकसान हुआ था। इसी से अवसादग्रस्त होकर उसने आत्महत्या कर ली।
8 महीनों में 34 किसानों ने की आत्महत्या- कांग्रेस पश्चिम बंगाल में पिछले 8 महीनों में 34 किसानों ने आत्महत्या कर ली है। राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष सोमेन मित्रा ने रविवार को यह बातें एक बयान में कही। मालूम हो कि हाल ही में राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस की ओर से कहा गया कि वर्ष 2011 में सत्ता में आने के बाद से किसानों की आय 3 गुना हो गई है। कांग्रेस के अध्यक्ष सोमेन मित्रा ने इन दावों की खिल्ली उड़ाते हुए कहा कि राज्य में स्थिति ऐसी है कि पिछले 8 महीनों में कर्ज में डूबे 34 किसानों ने अपनी जान दे दी है। अगर राज्य सरकार उन्हें तीन गुना पैसे दे रही है तो किसान आत्महत्या क्यों करेंगे?