उन्हें स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। आयोग ने अपीलकर्ता की ई-मेल के जरिए नामांकन दायर करने संबंधित माकपा की याचिका का यह कहते हुए विरोध किया था कि पश्चिम बंगाल पंचायत अधिनियम में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। माकपा ने 800 से अधिक उम्मीदवारों की एक सूची जमा कराते हुए कहा था कि इन्हें तय कार्यालय में नामांकन दाखिल करने से रोका गया था इसलिए इन्होंने चुनाव आयोग को ई-मेल के जरिए दस्तावेज भेजे। चुनाव आयोग ने दावे का विरोध करते हुए कहा कि उसे नामांकन के आखिरी दिन 340 शिकायतें मिली थीं जिनमें से 25 ई-मेल के जरिए भेजी गई थीं। आयोग ने कहा कि 25 ई-मेल में इच्छुक उम्मीदवारों के 62 नामांकन पत्र शामिल हैं। लेकिन उक्त खण्डपीठ ने आयोग की दलील को खारिज करते हुए मंगलवार को आयोग को माकपा उम्मीदवारों के ई-नामांकन को स्वीकार करने का निर्देश दिया।