scriptConstable Arup Mukherjee, who spread the light in Maoist-affected area | माओवाद प्रभावित इलाके में स्कूल खोल ज्ञान का प्रकाश फैला रहे कांस्टेबल अरूप मुखर्जी | Patrika News

माओवाद प्रभावित इलाके में स्कूल खोल ज्ञान का प्रकाश फैला रहे कांस्टेबल अरूप मुखर्जी

locationकोलकाताPublished: Sep 12, 2018 12:14:14 am

Submitted by:

Krishna Das Parth

-स्कूल वॉरियर अवार्ड से हुए सम्मानित

कोलकाता

kolkata, west bengal


माओवाद प्रभावित इलाका पुरुलिया में स्कूल खोल ज्ञान का प्रकाश फैला रहे कोलकाता पुलिस के कांस्टेबल अरूप मुखर्जी को हाल ही में जयपुर में स्कूल वॉरियर के अवार्ड से सम्मानित किया गया। वे अज्ञान के अंधकार को दूर कर ज्ञान का प्रकाश फैलाने में वर्ष 2010 से लगे हुए हैं। पुरुलिया के कुलचा के निवासी अरूप ने अबतक बंगाल के पुरुलिया जिले के सबार जनजाति के सैकड़ों बच्चों के जीवन में शिक्षा की लौ जलाई है। वर्ष 2010 में मुखर्जी ने 700 वर्ग फुट की जमीन खरीदकर स्कूल बनाया। अब यह स्कूल पून्छा नवदिशा मॉडल स्कूल के नाम से जाना जाता है। पहले यह नौ कक्षाओं और सिर्फ 20 बच्चों से शुरू हुआ था। आज इस स्कूल में सबरी जनजाति के 112 बच्चे पढ़ते हैं। अरूप मुखर्जी ही स्कूली बच्चों को खाना से लेकर कपड़े, पुस्तकें सहित जरूरत की सारी चीजे मुहैया कराते हैं। स्कूल बनाने के लिए उन्होंने 1-1रुपए जोड़ कर 4 लाख रुपये की बचत की व स्कूल का निर्माण करवाया। पुरुलिया का यह इलाका पूरी तरह से माओवाद प्रभावित इलाकों में से एक है। कभी इसे माओवादियों का गढ़ माना जाता था। स्कूल शिक्षा से यहां सबसे पिछड़ी जाति के बच्चों को आगे बढऩे का मौका दिया जा रहा है। पुरुलिया का सबार जनजाति बांकुरा और पश्चिम मिदनापुर जिलों में रहने वाले राज्य की सबसे पिछड़ी जनजातियों में से एक हैं। यह क्षेत्र माओवादी प्रभावित इलाकों के रूप में जाना जाता है। वर्ष 1871 के आपराधिक जनजाति अधिनियम के तहत ब्रिटिश राज के दौरान 'आपराधिक जनजातिÓ के रूप में वर्गीकृत किया गया था। अरूप मुुखर्जी के प्रयासों से पुरुलिया के साबरों के बीच अपराधों में बहुत कमी आई है। आपराधिक पृष्ठभूमि वाले कई माता-पिता अब खुद को सुधार चुके हैं और अब वे अपने बच्चों के भविष्य को अच्छा देखना चाहते हैं।
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