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बंगाल: संस्थान को इस्तीफा देने वाली शिक्षिका को जल्द काम पर लौटने की उम्मीद

कलकत्ता विश्वविद्यालय से संबद्ध कानून की पढ़ाई कराने वाले निजी संस्थान एलजेडी लॉ कॉलेज की एक शिक्षिका के कार्यस्थल पर हिजाब पहनने से परहेज करने के कथित अनुरोध के बाद इस्तीफा देने का मामला गरमा गया है। मामला सामने आने के बाद जब इसका विरोध शुरू हुआ तो संस्थान के अधिकारियों ने दावा किया कि यह संवादहीनता के कारण हुआ। सूत्रों ने कहा कि संजीदा के इस्तीफे की बात सार्वजनिक होने के बाद संस्थान के अधिकारियों ने उनसे संपर्क किया और कहा कि यह महज संवादहीनता के कारण हुआ।

कोलकाताJun 11, 2024 / 11:15 pm

Rabindra Rai

बंगाल: संस्थान को इस्तीफा देने वाली शिक्षिका को जल्द काम पर लौटने की उम्मीद

बंगाल: संस्थान को इस्तीफा देने वाली शिक्षिका को जल्द काम पर लौटने की उम्मीद

हिजाब नहीं पहनने के अनुरोध के कारण इस्तीफा देने का मामला

कलकत्ता विश्वविद्यालय से संबद्ध कानून की पढ़ाई कराने वाले निजी संस्थान एलजेडी लॉ कॉलेज की एक शिक्षिका के कार्यस्थल पर हिजाब पहनने से परहेज करने के कथित अनुरोध के बाद इस्तीफा देने का मामला गरमा गया है। मामला सामने आने के बाद जब इसका विरोध शुरू हुआ तो संस्थान के अधिकारियों ने दावा किया कि यह संवादहीनता के कारण हुआ। सूत्रों ने कहा कि संजीदा के इस्तीफे की बात सार्वजनिक होने के बाद संस्थान के अधिकारियों ने उनसे संपर्क किया और कहा कि यह महज संवादहीनता के कारण हुआ। उन्होंने स्पष्ट किया कि कार्यस्थल पर काम के समय कभी भी उन्हें सिर को कपड़े से ढकने से नहीं रोका गया था। शिक्षिका संजीदा कादर अपना इस्तीफा वापस लेने के बाद जल्द काम पर लौट जाएंगी।
दूसरी तरफ संजीदा ने दावा किया कि मुझे कार्यालय से एक ईमेल मिला है। मैं अपने अगले कदमों के बारे में विचार करूंगी और फिर फैसला करूंगी, लेकिन मैं जल्द कॉलेज नहीं जाऊंगी। ईमेल में कहा गया है कि सभी संकाय सदस्यों के लिए ड्रेस कोड (जिसकी समय-समय पर समीक्षा और मूल्यांकन किया जाता है) के अनुसार वह कक्षाओं में पढ़ाते समय अपने सिर को ढकने के लिए दुपट्टा या स्कार्फ का उपयोग करने के लिए स्वतंत्र हैं। संजीदा मार्च-अप्रेल से कार्यस्थल पर हिजाब पहन रही थीं और पिछले हफ्ते इस मुद्दे ने तूल पकड़ लिया।

कोई निर्देश या निषेध नहीं: कॉलेज

कॉलेज शासी निकाय के अध्यक्ष गोपाल दास ने कहा कि कोई निर्देश या निषेध नहीं था और कॉलेज के अधिकारी सभी की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हैं। शिक्षिका जल्द फिर से कक्षाओं में पढ़ाना शुरू करेंगी। कोई गलतफहमी नहीं है। हमने उनके साथ लंबी चर्चा की। शुरुआती घटनाक्रम कुछ संवादहीनता के कारण हुआ। एलजेडी लॉ कॉलेज में पिछले तीन साल से शिक्षण कार्य कर रहीं संजीदा कादर ने पांच जून को इस्तीफा दे दिया था। उनका आरोप था कि कॉलेज प्रशासन ने उन्हें 31 मई के बाद कार्यस्थल पर हिजाब न पहनने का निर्देश दिया था।
उन्होंने कहा कि कॉलेज के शासी निकाय के आदेश ने मेरे मूल्यों और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। इस बीच राज्य के मंत्री सिद्दीकुल्लाह चौधरी कहा कि सरकार की ओर से मैं कानून मंत्री के समक्ष इस मुद्दे को उठाऊंगा, ताकि यह पता लगाया जा सके कि हिजाब पहनने के कारण शिक्षिका को नौकरी छोडऩे के लिए मजबूर करने वाले संबंधित संस्थान के खिलाफ क्या कोई कार्रवाई की जा सकती है।

संस्थान को शिक्षिका से माफी मांगनी चाहिए: मंत्री

शिक्षिका के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए मंत्री और जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष सिद्दीकुल्लाह चौधरी ने कहा कि कॉलेज के शासी निकाय के अध्यक्ष को शिक्षिका से माफी मांगनी चाहिए। वरिष्ठ मुस्लिम नेता ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि क्या कॉलेज के अधिकारी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हैं। मंत्री ने आरोप लगाया कि संस्थान का प्रबंधन छात्रों में प्रतिगामी (पीछे ले जाने वाले) मूल्यों को भर रहा है और उन्हें एक शिक्षिका के हिजाब पहनने के खिलाफ भडक़ाने की कोशिश कर रहा है।
चौधरी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा कि एक विधि अध्ययन संस्थान के प्रबंधन का प्रमुख इस तरह का फरमान कैसे जारी कर सकता है। ऐसे संस्थान में बच्चों से संविधान और कानूनों के बारे में सीखने की उम्मीद की जाती है। हमने सुना है कि उन्हें सिख पुरुषों के पगड़ी पहनने और महिलाओं के सिर पर दुपट्टा बांधने पर कोई आपत्ति नहीं है। फिर वह मुसलमानों को क्यों निशाना बना रहे हैं।

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