तूफान को आए 72 घण्टे से अधिक समय बीत गया है। कोलकाता समेत प्रभावित जिलों के कई इलाकों में बिजली-पानी की आपूर्ति शुरू नहीं हो पाई है। मोबाइल सेवा ठप है। बिजली-पानी नहीं रहने से लोगों का गुस्सा भड़क उठा है। कोलकाता, उत्तर 24 परगना समेत कई जिलों में लोग सड़कों पर उतरकर आवश्यक सेवाओं की बहाली की मांग कर रहे हैं। कई जगह पर हिंसक प्रदर्शन भी हुए हैं।
कोलकाता समेत कई जिलों में तूफान के कारण उखड़े पेड़, बिजली एवं टेलीफोन के खंभे अब भी सडक़ों पर हैं। सड़कों से इन्हें हटाने का काम शुरू कर दिया गया है। कोलकाता नगर निगम, एनडीआरएफ एवं आपदा प्रबंधन की टीम हटाने में जुटी है। कई निचले इलाकों में अब भी पानी भरा हुआ है। कोलकाता नगर निगम के प्रशासक फिरहाद हकीम का कहना है कि कोलकाता में स्थिति समान्य होने में लगभग 7 दिन का समय लगेगा। जिलों के हालात सामान्य होने में और अधिक समय लग सकता है।
मुख्यमंत्री ने सेना से मांगा सहयोग
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लॉकडाउन के कारण जहां सरकार की आमदनी थम गई है वहीं ऐसे समय में सुपर साइक्लोन की तबाही ने पश्चिम बंगाल को करीब एक लाख करोड़ का नुकसान हुआ है । तूफान की विभिषिका से निपटने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सेना, कलकत्ता पोर्ट ट्रस्ट एवं रेलवे से मदद मांगी है। मुख्यमन्त्री ने कहा कि तूफान से हुई तबाही से निपटने के लिए बहुत अधिक कार्यबल की जरूरत है। इसलिए सेना, कोलकता पोर्ट ट्रस्ट एवं रेलवे से मदद की मांग की गई है।