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कोलकाता

‘विशिष्ट शिक्षा हासिल करने के बाद अब समाज-देश के विकास में अहम योगदान दें छात्र’

भारतीय सांख्यिकीय संस्थान का 53वां दीक्षांत समारोह—251 मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रमाणपत्र, डिग्री सहित गोल्ड मेडल से नवाजा

कोलकाताJan 11, 2019 / 01:29 pm

Shishir Sharan Rahi

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‘विशिष्ट शिक्षा हासिल करने के बाद अब समाज-देश के विकास में अहम योगदान दें छात्र’

कोलकाता. विशिष्ट शिक्षा हासिल करने के साथ ही छात्रों को अब समाज और देश के विकास में अहम योगदान करने की बारी है। समाज-राष्ट्र को छात्रों से काफी उम्मीदें हैं और उन्हें राष्ट्र निर्माण में मुख्य भूमिका निभाते हुए समाज का कर्ज चुकाना चाहिए। भारतीय सांख्यिकीय संस्थान (आईएसआई) के 53वें दीक्षांत समारोह में मेधावी छात्र-छात्राओं, उनके अभिभावकों और समारोह में मौजूद गणमान्य नागरिकों को संबोधित करते हुए भारतीय सांख्यिकीय संस्थान के प्रेसीडेंट और प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष डॉ. विवेक देव्रॉय ने यह बात कही। देव्रॉय ने छात्रों का हौसला अफजाई करते हुए कहा कि आज देश और समाज को उनसे काफी उम्मीदें हैं। छात्रों की सफलता पर बधाई देते हुए उन्होंने संस्थान को न केवल भारत, बल्कि दुनिया का बेहतरीन शैक्षिक परिसर बताया। बीटी रोड स्थित संस्थान परिसर में गुरुवार शाम को पद्म भूषण से सम्मानित लंदन स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस के विख्यात प्रोफेसर लॉर्ड मेघनाद जगदीशचंद्र देसाई के मुख्य आतिथ्य में हुए समारोह में करीब २५१ मेधावी और शोध छात्र-छात्राओं को प्रमाण-पत्र, डिग्री सहित गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। इसमें पीएचडी, एम-टेक-इन-कम्प्यूटर साइंस, एम-टेक इन क्वालिटी, रिलायबिलिटी एंड ऑपरेशन रिसर्च, मास्टर ऑफ मैथेमैटिक्स, मास्टर ऑफ साइंस, पीजी डिप्लोमा इन कम्प्यूटर एप्लीके शंस, बैचलर ऑफ मैथेमैटिक्स ऑनर्स, बैचलर ऑफ स्टैटिस्टिक्स और मास्टर ऑफ साइंस इन क्वालिटी मैनेजमेंट साइंस आदि डिग्रियां शामिल हैं।
लंदन स्थित हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्य देसाई ने अपने संबोधन में कहा कि सांख्यिकीय क्षेत्र में पर्याप्त संभावनाएं हैं। बतौर विशिष्ट अतिथि मुख्य सांख्यिकीय, सांख्यिकीय विभाग कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के सचिव प्रवीण श्रीवास्तव समारोह में मौजूद थे। संस्थान के प्रेसीडेंट देव्रॉय ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए स्वागत भाषण दिया। संस्थान की डायरेक्टर प्रोफेसर संघमित्रा बंदोपाध्याय ने वार्षिक समीक्षा प्रस्तुत करते हुए संस्थान के गौरवशाली इतिहास का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि २०१८ में संस्थान के संस्थापक प्रोफेसर पीसी महालनोबिस की १२५वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई थी, जिसमें उपराष्ट्रपति वेंकैय्या नायडू भी मौजूद थे।
संघमित्रा ने छात्रों को उनकी प्रतिभा के लिए दिए गए मेडल पर बधाई देते हुए उन्हें आईएसआई का गौरव और दूत करार दिया। संस्था के डीन ऑफ स्टडीज प्रोफेसर गौतम मुखर्जी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। राष्ट्रगान के साथ समारोह का समापन हुआ। मानव संसाधन विकास मंत्रालय, उच्च शिक्षा के सचिव आर. सुब्रहण्यम अपिरहार्य कारणों से समारोह में उपस्थित न हो सके।
राष्ट्रीय महत्व का संस्थान
17 दिसंबर, 1931 को कोलकाता में प्रोफेसर पीसी महालनोबिस की ओर से स्थापित आईएसआई सांख्यिकी, प्राकृतिक विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के अनुसंधान, शिक्षण क्षेत्र में एक अद्वितीय संस्थान है। 1959 में भारतीय संसद के एक अधिनियम के जरिए इसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा प्रदान किया गया था। यहां मुख्य रूप से सांख्यिकी और संबंधित विषयों में अनुसंधान के अलावा सांख्यिकीय गुणवत्ता नियंत्रण, संचालन अनुसंधान में परामर्श देना है।

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