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कोलकाता

जादवपुर सीट नहीं है किसी की सगी, जिसे बनाया जाइंट किलर उसे ही हराया

इस सीट पर वोटिंग का पैटर्न कभी एक जैसा नहीं रहा
मतदाताओं ने कभी भी किसी नेता पर आंख मूदकर भरोसा नहीं किया
2014 में तृणमूल कांग्रेस के सुगत बोस ने माकपा के सुजन चक्रवर्ती को हराया था

कोलकाताMay 17, 2019 / 11:36 pm

Paritosh Dube

jadavpur

जादवपुर सीट नहीं है किसी की सगी, जिसे बनाया जाइंट किलर उसे ही हराया


कोलकाता. कुछ सीटें दिलचस्प होती हैं। कुछ सीटें हमेशा चर्चा में रहती हैं। कुछ सीटें इतिहास में जगह बनाती हैं। ऐसी ही एक सीट जादवपुर है। जिसे हमेशा ममता बनर्जी के राजनीतिक उत्थान के साथ जोड़ा जाता है। दरअसल 1984 में माकपा के कद्दावर नेता रहे सोमनाथ चटर्जी को हराकर उस समय कांग्रेस की युवा नेता ममता बनर्जी ने सारे देश का ध्यान अपनी ओर खींच लिया था। तब से अब तक जब भी इस सीट पर चर्चा होती है तो 1984 की उस जाइंट किलर की चर्चा जरूर होती है। लेकिन इस सीट पर वोटिंग का पैटर्न कभी एक जैसा नहीं रहा। यहां के मतदाताओं ने कभी भी किसी नेता पर आंख मूदकर भरोसा नहीं किया। जादवपुर से सोमनाथ चटर्जी जीते भी हारे भी। सोमनाथ को ममता बनर्जी ने हराया तो ममता बनर्जी को भी यहीं से हार का सामना करना पड़ा.
बहरहाल आज इस सीट पर स्थिति बदली हुई है। देश के उत्कृष्ट शिक्षा संस्थानों में से एक जादवपुर विश्वविद्यालय शैक्षणिक उत्कृष्टता के साथ ही घोर वाम छात्र राजनीति के लिए देश भर में सुर्खियां बटोरता है। इसी संसदीय क्षेत्र का हिस्सा भांगड़ हिंसक राजनीतिक गतिविधियों के लिए चर्चा में रहता है। इसी इलाके में बांग्ला फिल्मों का प्राणकेन्द्र टॉलीगंज राज्य भर की सितारा प्रतिभाओं को आकर्षित करता है। तेजी से बढ़ रही आवासीय जरूरतों को पूरा करने के लिए इसी क्षेत्र का सोनारपुर बड़े उपनगरीय विकल्प के तौर पर उभर रहा है। खैर इन सब बातों से इस क्षेत्र में होने वाले चुनाव का क्या संबंध है। यह जानने के लिए यह समझिए कि जादवपुर एक ओर जहां कट्टर वामपंथ की नई प्रयोगशाला है वहीं दूसरी ओर मायावी फिल्म संसार का प्रतीक। इन दोनों के बीच उपनगरीय विकास और उसमें हिस्सेदारी के लिए सक्रिय राजनीतिक गुट गाहे बगाहे आस्तीन चढ़ाए चुनौती की मुद्रा में रहते हैं। खैर क्षेत्र की सामाजिक आर्थिक मीमांसा के बाद अब आइए आपको यह बताते हैं कि इस बार इस क्षेत्र में प्रमुख राजनीतिक दलों ने क्या रणनीति अपनाई है। सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने यहां बांग्ला फिल्मों की अभिनेत्री मिमि चक्रवर्ती पर दांव खेला है। माकपा ने कोलकाता के मेयर रहे विकास रंजन भट्टाचार्य को मैदान में उतारा है और भाजपा ने तृणमूल से आए अनुपम हाजरा को अपना उम्मीदवार बनाया है। तीनों ही अपनी अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। मिमि को जहां तृणमूल कांग्रेस के मजबूत संगठन और ममता बनर्जी के चेहरे पर भरोसा है। वहीं विकास रंजन भट्टाचार्य को इस क्षेत्र में मजबूत रही वामपंथी जड़ों से फायदा पहुंचने का अनुमान है। वहीं अनुपम हाजरा परिवर्तन और मोदी लहर के सहारे मैदान फतेह करने की बात करते हैं। पीछे जाएं तो वर्ष 2014 में तृणमूल कांग्रेस के सुगत बोस ने माकपा के सुजन चक्रवर्ती को हराया था। 2009 में भी यह सीट तृणमूल कांग्रेस के पास ही थी।
राजनीतिक पृष्ठभूमि

1977 के लोकसभा चुनाव से पहले जादवपुर संसदीय सीट अस्तित्व में आई थी यह सीट माकपा की गढ़ रही। वर्ष १977 और 1980 के चुनाव में माकपा के कद्दावर नेता सोमनाथ चटर्जी यहां से सांसद चुने गए। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उठी सहानुभूति लहर में वे अपनी सीट बचाने में असफल रहे और कांग्रेस की उम्मीदवार ममता बनर्जी से 1984 में हार गए। वर्ष 1989 के चुनाव में एकबार फिर बाजी पलट गई और माकपा की मालिनी भट्टाचार्य ने कांग्रेस की ममता बनर्जी को हरा दिया। 1996 में फिर बदलाव हुआ और कांग्रेस की कृष्णा बोस सांसद चुनीं गईं। 1998 में भी कृष्णा बोस को ही सफलता मिली, 1999 में कृष्णा बोस ने तृणमूल कांग्रेस का साथ लिया और संसद में पहुंचने में सफल रहीं। वर्ष 2004 में फिर बदलाव हुआ 3 बार से लगातार जीत रहीं कृष्णा बोस को माकपा के सुजन चक्रबर्ती ने हरा दिया। वर्ष 2009 में तृणमूल कांग्रेस के कबीर सुमन कबीर जीते।
57 फीसदी शहरी आबादी

2011 की जनगणना के अनुसार यहां की आबादी 2,27,3479 है। 42.24 फीसद ग्रामीण व 57.76 प्रतिशत शहरी आबादी है। अनुसूचित जाति का ्रप्रतिशत 24.5 है। मतदाताओं की संख्या 1802234 है। वर्ष 2014 के चुनाव में यहां 79.99 फीसदी ,जबकि 2009 के चुनाव में यहां पर 81.47 फीसदी मतदान हुआ था।
7 विधानसभा हैं इस लोकसभा में ं

बारुइपुर, बारुइपुर पश्चिम, सोनारपुर दक्षिण, जाधवपुर सोनारपुर उत्तर, टालीगंज, भांगड़

2014 का जनादेश

वर्ष 2014 के चुनाव में यहां तृणमूल कांग्रेस के डॉक्टर सुगात बोस को 5,82,244 माकपा के सुजन चक्रवर्ती को 4,59,041, भाजपा के उम्मीदवार स्वरूप प्रसाद घोष को 1,55,511 वोट मिले।
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