सूत्रों के अनुसार पहले आरोप पत्र में सीबीआई तृणमूल कांग्रेस के 8 नेताओं का नाम शामिल करेगी। जांच एजेन्सी सूत्रों के मुताबिक उक्त सभी के खिलाफ ठोस सबूत हैं। स्टिंग वीडियो में ये सभी स्टिंगकर्ता मैथ्यू सैमुअल से रुपए लेते और इसके एवज में काम करा देने के आश्वसन देते देखे व सुने जा रहे हैं। बाकी के नाम पूरक आरोप पत्र में शामिल किए जा सकते हैं।
कुछ आरोपियों को राहत की संभावना मामले के कुछ आरोपियों को राहत की संभावना है। जांच एजेन्सी के अधिकारियों के अनुसार दो-तीन आरोपी का नाम चार्जशीट में शामिल नहीं किया जा सकता है, कारण अब तक की जांच में उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत हाथ नहीं लगा है।
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वर्ष २०१६ में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नारद स्टिंग वीडियो सार्वजनिक किया गया था। तहलका डॉटकॉम के तत्कालीन सीईओ मैथ्यू सैमुअल ने वर्ष २०१४ में उक्त स्टिंग ऑपरेशन किया था। ५२ घंटे के फुटेज में तृणमूल कांग्रेस के कुछ सांसद और मंत्री समेत १२ नेता रिश्वत लेते/बातचीत करते नजर आ रहे हैं। विधानसभा चुनाव में भाजपा, माकपा और कांग्रेस ने इसे तृणमूल के खिलाफ चुनावी मु²ा बनाया था। कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने मामले की जांच का जिम्मा लिया। अप्रेल २०१७ में सीबीआई ने केस दर्ज किया।
तृणमूल के ये नेता हैं आरोपी सांसद मुकुल राय (वर्तमान में भाजपा में), सौगत राय, काकुली घोष दस्तीदार, प्रसुन्न बनर्जी, शुभेन्दु अधिकारी, अपरूपा पो²ार, सुल्तान अहमद (निधन हो चुका है), मंत्री मदन मित्रा (फिलहाल मंत्री नहीं है), सुब्रत मुखर्जी, फिरहाद हकीम, विधायक इकबाल अहमद, एसएमएच मिर्जा (आईपीएस) शामिल हैं।