‘क्रूज पर कोलकाता में हुई कविता’
भारत में पहली बार किसी शहर में क्रूज पर काव्य संध्या-13 विदेशी कवियों के साथ हिन्दी सहित 10 भाषाओं के कवियों का जमघट—साहित्य अकादमी विजेता डबराल ने कोलकाता को कहा कविताओं का शहर—-3 दिवसीय काव्य उत्सव इंटरनेशनल पोएट्री फेस्टिवल-चेयर पोएट्री इवनिंग्स का समापन
‘क्रूज पर कोलकाता में हुई कविता’
कोलकाता. भारत में पहली बार किसी शहर में क्रूज पर काव्य संध्या रविवार को हुई। 3 दिवसीय काव्य उत्सव इंटरनेशनल पोएट्री फेस्टिवल-चेयर पोएट्री इवनिंग्स का समापन रविवार रात मिलेनियम पार्क के समीप क्रूज पर हुआ। गंगा की लहरों पर सजे क्रूज में 6 विदेशी और 7 भारतीय कवियों ने अपनी रचनाएं पेश की। चेयर पोएट्री लिट्रेरी ट्रस्ट की ओर से आयोजित इस उत्सव में शिरकत करने नई दिल्ली से आए साहित्य अकादमी विजेता उत्तराखंड के टेहरी गढ़वाल निवासी मंगलेश डबराल ने क्रूज पर पत्रिका से बातचीत में कोलकाता को कविताओं का शहर कहा।पहल सम्मान और शमशेर स्मृति सम्मान सहित अनेक पुरस्कार प्राप्त डबराल ने कहा कि वैसे तो कोलकाता में विश्वख्यिात कवि टैगोर सहित शंखा घोष और सुनील गंगोपाध्याय जैसे कवि हुए हैं, पर ये बांग्ला भाषाी थे। पहली बार 13 विदेशी कवियों के साथ हिन्दी सहित 10० विभिन्न भाषाओं के कवियों का जमघट एक साथ कोलकाता में हुआ। डबराल ने कहा कि पूरे भारत में 95 उत्सव होते हैं। समकालीन हिन्दी कवियों में सबसे चर्चित नाम डबराल हैं। भोपाल में मध्यप्रदेश कला परिषद्, भारत भवन से प्रकाशित साहित्यिक त्रैमासिक पूर्वाग्रह में सहायक संपादक रहे डबराल फिलहाल नेशनल बुक ट्रस्ट से जुड़े हैं। निदेशक तुषार धवल सिंह और सह-निर्देशक सोनेत मंडल के तत्वावधान में हुए इस उत्सव में ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, बेल्जियम, आयरलैंड, स्लोवेनिया सहित कई देशों के प्रतिभागी आए थे। भारत के राजेश जोशी, अरुण कमल, मंगलेश डाबरल, सच्चिदानंदन, नीतू दास, सुबोध सरकार और विनायक बंद्योपाध्याय सहित व्लादिमीर मार्टिनोवस्की (मैसेडोनिया), मिरियम वान हे (बेल्जियम), लेस विक्स (ऑस्ट्रेलिया), बारबरा पोगाकनिक (स्लोवेनिया), येक्टा (फ्रांस) ने काव्य पाठ किया। उत्सव का मकसद विचारों और मानव अस्तित्व से संबंधित प्रश्नों के साथ नागरिक समाज को एक साथ लाने के मकसद से इंटरैक्टिव सत्र था। प्रसिद्ध कवि पद्म भूषण संखा घोष ने महानगर में ३ दिवसीय काव्य उत्सव का रोटरी सदन हॉल में उद्घाटन किया था। उद्घाटन सत्र में शंखा घोष के साथ अभिनेता विक्टर बनर्जी भी उपस्थित थे। चेयर पोएट्री लिट्रेरी ट्रस्ट की ओर से आयोजित इस उत्सव का उद्देश्य कविता के माध्यम से चेतना का निर्माण करना है। दिसंबर से जनवरी तक कोलकाता में दुनिया भर से 2 से 3 चयनित कवियों को एक महीने के लिए रहने की पेशकश की जाएगी।
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