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कोलकाता

स्तब्ध, व्यथित हूं, पुनर्विचार की अपील

गणतंत्र दिवस परेड में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती वर्ष पर उनके और आजाद हिन्द फौज के योगदान से जुड़ी पश्चिम बंगाल की झांकी शामिल नहीं किए जाने के केद्र सरकार के फैसले पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आपत्ति जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। जिसमें इस फैसले पर पुनर्विचार की अपील की गई है।

कोलकाताJan 17, 2022 / 12:28 am

Rabindra Rai

स्तब्ध, व्यथित हूं, पुनर्विचार की अपील

स्तब्ध, व्यथित हूं, पुनर्विचार की अपील

गणतंत्र दिवस परेड में बोस पर आधारित बंगाल की झांकी को शामिल नहीं किए जाने पर ममता ने लिखा मोदी को पत्र
अधीर ने भी मांग की
कोलकाता. गणतंत्र दिवस परेड में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती वर्ष पर उनके और आजाद हिन्द फौज के योगदान से जुड़ी पश्चिम बंगाल की झांकी शामिल नहीं किए जाने के केद्र सरकार के फैसले पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आपत्ति जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। जिसमें इस फैसले पर पुनर्विचार की अपील की गई है। ममता ने प्रधानमंत्री को लिखा कि गणतंत्र दिवस की परेड में बोस पर आधारित झांकी शामिल नहीं किये जाने से वे स्तब्ध, दुखी और मर्माहत हैं। दुख इसलिए और बढ़ गया है क्योंकि झांकी बिना कोई कारण या औचित्य बताए खारिज की गई है। उन्होंने प्रधानमंत्री से केन्द्र सरकार को फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है। साथ ही परेड में बंगाल की झांकी शामिल करने की मांग भी की।
उधर लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने केन्द्र सरकार से गणतंत्र दिवस की परेड में बंगाल की झांकी को शामिल करने का आग्रह किया। उन्होंने इस संबंध में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा है।

स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका
ममता बनर्जी ने पत्र में लिखा है कि राज्य के लोग केंद्र सरकार के निर्णय से दुखी हैं। बंगाल ने स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाई थी। देश के विभाजन के बाद भी राज्यवासियों ने स्वतंत्रता की भारी कीमत चुकाई है। राज्य के स्वतंत्रता सेनानियों को स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कोई भी स्थान नहीं मिलना दुखदाई है।

आजादी का अमृत महोत्सव थीम
केन्द्र सरकार के मुताबिक इस बार गणतंत्र दिवस परेड की थीम आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित किया जा रहा आजादी का अमृत महोत्सव है। वहीं राज्य सरकार की ओर से तैयार की गई झांकी बोस की 125वीं जयंती को समर्पित थी। जिसमें नेताजी के ध्वजारोहण से रवींद्रनाथ-सुभाष युगल की जोड़ी दिखाई गई थी। आजाद हिंद वाहिनी का इतिहास था। बंगाल के मनीषियों स्वामी विवेकानंद, देशबंधु चित्तरंजन दास, श्री अरविंदो, मातंगिनी हाजरा, ईश्वरचंद्र विद्यासागर, नजरूल और बिरसा मुंडा जैसी हस्तियों को झांकी में जगह दी गई थी। इसे परेड में शामिल करना था।

कन्याश्री खारिज की थी
इससे पहले वर्ष 2020 में भी बंगाल की झांकी खारिज की गई थी। उस समय ममता बनर्जी की महत्वाकांक्षी योजना कन्याश्री को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिली थी। राज्य ने कन्याश्री योजना को झांकी में दर्शाया था। जिसे परेड में शामिल नहीं किया गया था।

अधीर का राजनाथ को पत्र
अधीर ने राजनाथ सिंह को लिखे पत्र में कहा है कि गणतंत्र दिवस की परेड में बंगाल की झांकी को शामिल करने के लिए विचार करें और झांकी को गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल करें।

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