राजनीति में वंशवाद का मुद्दा : तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी ने दी भाजपा को चुनौती
– कहा, प्रधानमंत्री सदन में बिल लाकर सुनिश्चित करें कि किसी भी राजनेता के परिवार से कोई नहीं रहेगा राजनीति में- मैं 24 घंटे के अंदर छोड़ दूंगा राजनीति
राजनीति में वंशवाद का मुद्दा : तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी ने दी भाजपा को चुनौती
कोलकाता.
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा चरम पर पहुँच चुका है। भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच आरोप -प्रत्यारोप का दौर शुरू है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने खुद पर वंशवाद की उपज होने के भाजपा नेताओं के आरोपों पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने राजनीति में परिवारवाद पर रोक लगाने के लिए सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद में बिल लाने का चैलेंज दे दिया है। अभिषेक बनर्जी ने आरोप लगाया है कि भाजपा के कई बड़े नेताओं के ही परिवार के एक से ज्यादा सदस्य राजनीति में हैं। अगर वह यह सुनिश्चित कर दे कि उसके नेताओं के एक ही सदस्य राजनीति में रहेंगे तो वह 24 घंटे में ही राजनीति छोड़ देंगे और उनके परिवार से सिर्फ ममता बनर्जी ही राजनीति में रह जाएंगी।
सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा है कि जो लोग पारिवारिक व्यवस्था के बारे में बात कर रहे हैं उन सबके परिवार के 5-5 सदस्य राजनीति में हैं। मुकुल राय , कैलाश विजयवर्गीय, शुभेन्दु अधिकारी और राजनाथ सिंह के परिवार के दूसरे सदस्य भी अहम पदों पर हैं। अभिषेक ने कहा कि अगर आप (भाजपा ) सुनिश्चित कर दें कि परिवार के एक ही सदस्य राजनीति में होंगे तो हमारे परिवार से सिर्फ ममता बनर्जी राजनीति में होंगी। क्या आप यह चुनौती स्वीकार कर सकते हैं? मैं पीएम से आग्रह करूंगा कि संसद में एक बिल लाएं, जिसमें राजनीति में आने की परिवार के एक ही सदस्य को अनुमति दी जाए। ‘
उल्लेखनीय है कि हाल के दिनों में शुभेन्दु अधिकारी समेत तृणमूल कांग्रेस के जितने भी बड़े नेता भाजपा में शामिल हुए हैं, उन सभी ने ममता बनर्जी पर परिवारवाद और वंशवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है।
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