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असम में खिलाफ काम किया
असम में एनआरसी ने भाजपा के खिलाफ काम किया। अब यह नागरिकता संशोधन विधेयक भाजपा को और नुकसान पहुंचाएगा। वह इन दोनों मुद्दों पर जनता के मनोभाव को भांपने में नाकाम रहे। उन्होंने कहा कि हमने भी शरणार्थी कॉलोनियों को नियमित किया, लेकिन इसे धर्म के चश्मे से नहीं देखा। वे (भाजपा सरकार) नागरिकता देने के लिये मानदंड तय कर सकते हैं, लेकिन धर्म कभी भी मानदंड नहीं हो सकता। उन्होंने राज्य में होने वाले आगामी चुनावों में पार्टी को विधेयक के खिलाफ प्रचार से फायदा होने की उम्मीद जताई। पश्चिम बंगाल में अगले साल नगर निकाय के चुनाव होने हैं।
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यह भी होगी बड़ी भूल
तृणमूल कांग्रेस के नेता ने कहा कि एनआरसी की तरह, कैब भी बड़ी भूल होगी। यह हमारे लिए बंगाल में भाजपा के खिलाफ राजनीतिक तुरूप का इक्का साबित होगी। नागरिकता संशोधन विधेयक में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से शरणार्थी के तौर पर आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता प्रदान करने की बात कही गई है जिन्हें धार्मिक उत्पीडऩ का सामना करना पड़ा हो। छह दशक पुराने नागरिकता अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन के बाद इन्हें अवैध प्रवासी न मानकर भारतीय नागरिकता दी जाएगी।