नागरिकता संशोधन बिल (सीएबी) का समर्थन को बंगाल की सीएम ममता ने रखी यह शर्त
नागरिकता संशोधन बिल (सीएबी) सोमवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा। तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल इसके खिलाफ मुखर हैं।
नागरिकता संशोधन बिल (सीएबी) का समर्थन को बंगाल की सीएम ममता ने रखी यह शर्त
कोलकाता. नागरिकता संशोधन बिल (सीएबी) सोमवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा। तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल इसके खिलाफ मुखर हैं। तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो तथा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। हम किसी भी हालत में इसे बंगाल में लागू करने की अनुमति नहीं देंगे। ममता ने इस मुद्दे पर अन्य राजनीतिक दलों से एनआरसी और सीएबी का समर्थन नहीं करने का आग्रह किया है।
केंद्र के नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर कटाक्ष करते हुए ममता ने कहा कि दोनों प्रस्ताव भारतीय संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ हैं। ममता के अनुसार एनआरसी से आतंकित होने के कारण राज्य में कम से कम 30 लोग आत्महत्या कर चुके हैं। बनर्जी ने कहा कि भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में, धर्म के आधार पर कभी भी नागरिकता हासिल नहीं की जा सकती है। ममता ने इस बात की शर्त रखी कि यदि हर एक शरणार्थी को (धर्म और समुदाय से परे रहकर) नागरिकता दी जाती है, तो वह नागरिकता (संशोधन) विधेयक (सीएबी) का समर्थन करेगी।