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कोलकाता

WEST BENGAL—आरजीकर में हड़ताल पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर

मेडिकल छात्रों के अनशन के 20 दिन पूरे

कोलकाताOct 24, 2021 / 12:12 pm

Shishir Sharan Rahi

WEST BENGAL---आरजीकर में हड़ताल पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर

WEST BENGAL—आरजीकर में हड़ताल पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर

BENGAL NEWS-कोलकाता। आरजीकर मेडिकल कालेज अस्पताल में गत कई दिनों से जारी हड़ताल खत्म करने व चिकित्सा सेवाओं को सुचारू करने के लिए हाईकोर्ट में शनिवार को जनहित याचिका दायर की गई। उधर अपनी मांगों को लेकर अडिग छात्रों के अनशन के २० दिन शनिवार को पूरे हो गए। भूख हड़ताल के 19वें दिन शुक्रवार को प्रदर्शनकारी छात्र व प्रशिक्षु ट्रॉमा केयर बिल्डिंग के सामने जमा हुए थे। आंदोनकारियों की ओर से प्रबंधन को पत्र भेजा गया है। उनका कहना है कि वे काम बंद के समर्थन में नहीं है पर उनकी मांगें पूरी होनी चाहिए। इस बीच नंदलाल तिवारी ने जनहित याचिका दायर कर कोर्ट से अस्पताल में गतिरोध खत्म कराने का अनुरोध किया है। हाईकोर्ट में फिलहाल पूजा अवकाश है इसलिए इसपर सुनवाई सोमवार को न्यायमूर्ति देबांग्शु बसाक की पीठ में होगी। डिप्टी सुपर तृदीप्त मुस्ताफी ने कहा कि अस्पताल में धीरे-धीरे चिकित्सा व्यवस्था सामान्य हो रही है। उल्लेखनीय है कि चिकित्सकों के धरना -प्रदर्शन से अस्पताल में चिकित्सा सेवा बाधित हो रही है। अनशनकारी छात्र मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल को हटाने समेत अन्य मांग कर रहे हैं। उधर अनशन पर बैठे एक छात्र की हालत गंभीर होने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गयाा। ेउनकी दलील है कि जूनियर डॉक्टरों की चिकित्सा सेवाएं शीघ्र बहाल करने के लिए हाईकोर्ट हस्तक्षेप करे। इस माह की शुरुआत से अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों और इंटर्न के एक समूह ने कई मांगों के साथ अपनी हड़ताल शुरू कर दी। जिससे चिकित्सा सेवाएं बाधित हैं। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि प्राचार्य को इस्तीफा दे देना चाहिए। कई मरीजों को बिना इलाज के अस्पताल से लौटना पड़ा है। गतिरोध खत्म करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मेंटर ग्रुप का गठन किया। इस समूह के सदस्यों को प्रदर्शनकारियों से बात करने और उन्हें काम पर वापस लाने की जिम्मेदारी दी गई। लेकिन कोई हल नहीं निकला और छात्र अपनी मांगों पर अडिग हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की ओर से कार्रवाई की धमकी के बाद हालांकि कुछ प्रदर्शनकारी काम पर लौट आए कुछ इंटर्न और जूनियर डॉक्टरों ने भूख हड़ताल खत्म करने का भी फैसला किया। पर नतीजा नहीं निकला।
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