पुनर्वास नीति को असफल बनाने के लिए नक्सलियों ने चली गहरी चाल, जानिए क्या है पूरा मामला
लेकिन नियमनुसार समीक्षा कर 6 प्रतिशत का फाईन लगाते हुए विभाग ने काम दुबारा उसी ठेकेदार से शुरू करवा दिया हैं। अब उम्मीद है कि, विभाग की इस कार्यवाही के बाद आने वाले दो माह में यहॉ 87 लॉख से भी ज्यादा की राशि से बन रहे निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा और आने वाले दिनों में यहॉ से स्कूल संचालित होने लगेगा।जर्जर भवन में बैठने मजबूर है विद्यार्थी
वर्तमान में जहाँ स्कूल संचालित हो रहा है, वह भवन भी काफी पूराना (shabby school building) होने के चलते जर्जर हो चुका है। बारिश के दिनों में छत से पानी टपकने लगता है। वहीं विद्यार्थियों की संख्या अधिक होने के चलते छात्र-छात्रओं को बैठने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं।-आरके बतरा, एसडीओ लोनिवि