राज्य में किया था नाम रौशन
जिले में 526 मिडिल स्कूल हैं। लेकिन इनमें से मिडिल स्कूल स्याहीमुड़ी इकलौता है, जहां के बच्चों ने राज्य स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। पिछले दो के दौरान एससीईआरटी द्वारा आयोजित जनसंख्या शिक्षा व विज्ञान कांग्रेस में यहां के छात्र मनीष भारिया व प्रियंका गोस्वामी ने पुरस्कार जीतकर जिले का नाम रौशन किया था। हैरानी वाली बात यह है कि ऐसे प्रतिभावान छात्रों को तैयार करने वाले स्कूल को विभाग द्वारा बंद किया जा रहा है। स्कूल के मुद्दे पर शुक्रवार को स्याहीमुड़ी में अध्ययनरत बच्चों के अभिभावक संसदीय सचिव लखनलाल देवांगन से मिले।
-मेरा बेटा स्याहीमुड़ी स्कूल की 6वीं कक्षा में अध्ययनरत है। यहां की लड़कियों को एजुकेशन हब में एडमिशन हब मेें एडमिशन दिया जा रहा है। ऐसे में लड़के कहां जाएंगे। हम चाहते हैं। किसी भी हाल में छठवीं में प्रवेश बंद नहीं होना चाहिए।
-संतोषी बाई
-दिलमोहर सारथी
-स्याहीमुड़ी स्थित प्राथमिक शाला को संभवत: यथावत ही रखा जाएगा। इसका प्रस्ताव भेजा गया है। लेकिन मिडिल स्कूल के विषय में पेंच फंसा हुआ है। वित्त विभाग से अनुमति नहीं मिल पा रही है। फिलहाल इसी स्कूल का सेटअप एजुकेशन हब में शिफ्ट किया जाना है।
-डीके कौशिक, डीईओ