script#PatrikaChangeMakers: राजनीति को स्वच्छ बनाने अधिवक्ताओं ने दी अपनी राय, लोगों को प्रेरित करने लिया संकल्प | Advocates gave their opinion to make politics clean | Patrika News
कोरबा

#PatrikaChangeMakers: राजनीति को स्वच्छ बनाने अधिवक्ताओं ने दी अपनी राय, लोगों को प्रेरित करने लिया संकल्प

– रि- कॉल का अधिकारी जनता को मिले – पांच साल से अधिक सजा वालों को राजनीति से दूर रखा जाए

कोरबाMay 17, 2018 / 10:25 pm

Shiv Singh

#PatrikaChangeMakers:  राजनीति को स्वच्छ बनाने अधिवक्ताओं ने दी अपनी राय, लोगों को प्रेरित करने लिया संकल्प
कोरबा . राजनीति में बदलाव के महानायक पत्रिका समूह का चेंजमेकर्स मुहिम जारी है। गुरुवार को इस मुहिम का हिस्सा बने जिले के अधिवक्ता। उन्होंने स्वच्छ राजनीति के लिए खुद को सक्रिय होकर अन्य को भी प्रेरित करने का शपथ लिया। अनैतिक भ्रष्ट राजनीतिज्ञों का साथ नहीं देने का वादा किया। राजनीति को कैसे स्वच्छ बनाई जाए? इस पर अपनी राय दी।
उन्होंने माना कि वर्तमान राजनीति मूल उद्देश्यों से भटक रही है। राजनीति में धन बल के साथ छल का बोलबाला है। इसका अपराधीकरण हो रहा है। इसेे रोकना संवैधानिक संस्थाओं के साथ जनता के लिए बड़ी चुनौती है। जनता अपनी आंखे खोले। उम्मीदवार को समझे। अच्छा बुरा का आत्म मंथन करें फिर वोट दें। जनता न प्रलोभन में आए और न ही लालच देने वाले को चुने।
यह भी पढ़ें
CG Public Opinion : सोन नदी पर निर्माणाधीन पुल का काम नहीं हुआ पूरा तो इस गांव के ग्रामीण करेंगे चुनाव का बहिष्कार

अधिवक्ताओं ने वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था में बदलाव की जरूरत बताई। चुनाव सुधार को जरूरी बताया। कहा कि चुनाव आयोग के समक्ष में कई चुनौती है। इसमें अपनी प्रतिष्ठा बनाए रखने की चुनौती प्रमुख है। इसके लिए आयोग को बिना दबाव में आए काम करनी होगी। अपने फैसले खुद लेने होंगे। राजनीति के शुद्धीकरण के लिए अधिवक्ताओं ने उम्मीदवारों की योग्यता तय किए जाने पर बल दिया। पत्रिका समूह की ओर से राजनीति के शुद्धीकरण के लिए महाअभियान का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में गुरुवार को अधिवक्ताओं ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया। स्वच्छ राजनीति के लिए खुद को सक्रिए होकर अन्य को भी प्रेरित करने का शपथ लिया।
#PatrikaChangeMakers: राजनीति को स्वच्छ बनाने अधिवक्ताओं ने दी अपनी राय, लोगों को प्रेरित करने लिया संकल्प

किसने क्या कहा

– रविन्द्र परासर : राजनीति में गिरावट आई है। आरोप प्रत्यारोप की राजनीति हावी हो गई है। मुद्दों की राजनीति खत्म हो रही है। नेताओं के पहनावे पर राजनीति की नई शुरूवात हुई है, जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। आरोप प्रत्यारोप व्यक्ति के कार्यों पर होना चाहिए। पहनावे और निजी जीवन पर नहीं। सार्वजनिक जीवन में चरित्र भी मायने रखता है। इसका फैसला गुण दोष के आधार पर होना चाहिए। आजकल राजनेताओं का मकसद सत्ता में बैठना रह गया है। ऐसे नेता और पार्टियां जनता का भला करना नहीं। तुष्टिकारण की राजनीति बंद होनी चाहिए। इसमें बदलाव जरूरी है।
शिव नारायण सोनी : राजनीति और कार्यपालिका मूल उद्देश्यों से भटक रही है। राजनीति को अपराधी करण से रोकना बड़ी चुनौती है। इसके लिए न्यायपालिका के साथ चुनाव आयोग को सशक्त होना चाहिए। आयोग को राजनीति दल का पंजीयन रद्द करने का अधिकार भी होना चाहिए। वर्तमान व्यवस्था में स्वच्छ छवी के लोग राजनीति में आना पसंद नहीं करते हैं। इसमें सुधार के लिए जन आंदोलन की जरूरत है। राजनीति को स्वच्छ बनाए रखने के लिए बॉटम लेबल के मतदाता को जागरूक किया जाना बेहद जरूरी है। मतदाता को रि- कॉल का अधिकार दिया जानाा चाहिए। पांच साल से अधिक सजा पाए नेताओं को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए।
– श्यामल माल्लिक : राजनीति में धन बल के साथ छल बल सक्रिय है। मतदाता के अलावा नेता को आर्थिक लाभ पहुंचाया जा रहा है। आयोग ने चुनाव में खर्च की सीमा तय की है। लेकिन चुनाव के समय उम्मीद और पार्टियां पैसा पानी की तरह बहाती हैं। आयोग संज्ञान नहीं लेता। विरोधी भी चुप बैठा रहता है। वह भी उसी प्रक्रिया से गुजने को सोचता है। आया राम गया राम की राजनीति खत्म होनी चाहिए। चुनाव के बाद पार्टी बदलने वालों की सदस्या खत्म होनी चाहिए। अपराधी को चुनाव लडऩे पर रोक लगाई जानी चाहिए।
-नूतन सिंह : वोट देने के बाद जनता के पास अधिकार नहीं है। नोटा विकल्प आया है। लेकिन यह प्रर्याप्त नहीं है। चुना हुआ प्रतिनिधि सही तरीके से कार्य नहीं कर रहा है तो उसे वापस बुलाने का अधिकार होना चाहिए। इससे भी जन प्रतिनिधियों पर एक दबाव बना रहेगा। आजकल की राजनीति और राजनीतिक पार्टियों में सत्ता के लोभ की भावना है। इसके लिए अनेक हथकंडे आजमाए जाते हैं। यह ठीक नहीं है।
– सुरेश शर्मा : जनता की बातों को सुनी जानी चाहिए। चुनाव में साफ सुथरी छवी के लोगों को ही टिकट दिया जाना चाहिए। जनता को भी अपराधी का चुनाव में नकारना चाहिए। विकास करने वालों का ही चुनाव होना चाहिए। स्वच्छ राजनीति के लिए सभी को पहल करनी होगी।
– किरण भान शांडिल्य : राजनीति में शिक्षा और योग्यता जरूरी है। ये दोनों की चीजें वर्तमान राजनीति से दूर हो रही है। प्रशासनिक सेवा के अफसरों की योग्यता दरकिनार कर नेता अपने अनुसार कार्य चाहते हैं। राजनीति जन सेवा से दूर हो रही है। मंहगा वेतन, भत्ता, कैंटिन और पेंशन की सुविधाएं यह किसके लिए है? इसपर सोचने की जरूरती है। राजनीति जन सेवा के लिए है। चुनाव के नियम भी बदलाव होनी चाहिए।
– रितेश मिश्रा : वर्तमान राजनीति लहरे में बह रही है। वर्तमान राजनीति व्यवस्था के लिए दोषी कौन है? इसे समझने की जरूरत है। जबतक हमसभी अपने दायित्व को सही तरीके से नहीं निभाएंगे राजनीति में स्वच्छ छवी के लोगों का प्रवेश मुश्किल होगा। इसके लिए संवैधानिक संस्थाओं को भी आगे आकर कड़े फैसले लेने की जरूरत है।
– विनिता गुबंज : जनता को अपने मत का महत्व समझना होगा। चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा लेकर स्वच्छ और साफ छवि के लोगों को चुनाव करना होगा। जनता प्रत्याशी को समझे जाने फिर उसे वोट करें। चुनाव में स्वच्छ छवि वाले व्यक्ति प्रत्याशी बने इसके लिए वर्तमान व्यवस्था में सुधार की जरूरत है।

Home / Korba / #PatrikaChangeMakers: राजनीति को स्वच्छ बनाने अधिवक्ताओं ने दी अपनी राय, लोगों को प्रेरित करने लिया संकल्प

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो