प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत ३२२.८० लाख की लागत से पुल प्रस्तावित है और इसका काम भी शुरू हो चुका है लेकिन ठेकेदार की लापरवाही के कारण काम पूरा नहीं हुआ और ठेकेदार भी काम छोड़कर जा चुका है। ऐसे में विभाग अपने स्तर से कार्यवाही कर रहा है लेकिन सबसे अधिक परेशानी ग्रामीणों को हो रही है। परेशान ग्रामीण लगातार जल्दी पुल निर्माण की मांग कर रहे हैं।
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श्रमिक संगठनों ने पेंशन फंड को घाटे से उबारने कोल इंडिया से मांगे इतने हजार करोड़, सब कमेटी ने दिए ये चार सुझाव, पढि़ए पूरी खबर… -हमारी ग्रामीणों की कोई नहीं सुनता है। इसलिए तय किया गया है कि आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे- रामनारायण पटेल, ग्रामीण -अधिकांश ग्रामीण सब्जी की बाड़ी लगाते हैं। सब्जी बेचने के लिए उन्हें नदी पार करनी पड़ती है। अगर पुल बन जाय तो आवागमन में सुविधा रहेगी संतराम पटेल, ग्रामीण -पुल न होने से जोखिम में डालकर नदी पार करनी पड़ती है। सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द पुल का निर्माण कराए, ताकि सुविधा मिल सके- रतन बरेठ, ग्रामीण -पुल न होने से सबसे अधिक गर्भवती महिलाओं को परेशानी होती है। डिलेवरी के समय उनके आवागमन को लेकर परिजन चिंतित रहते हैं। स्कूल जाने वाले बच्चे और सब्जी का व्यवसाय करने वालों को भी भारी परेशान होना पड़ रहा है। पुल निर्माण के लिए सांसद ने आश्वस्त किया है। कच्ची सड़क पर मुरूम डालकर उसे ठीक कराया जाएगा- सूरज कंवर, सरपंच, ग्राम पंचायत रोगदा