गायत्री परिवार के सदस्य धनेश्वर शर्मा ने बताया कि महायज्ञ कुंड में एक बार में चार जोड़े बैठकर आहूति देंगे। एक समय में 1004 जोड़े शामिल होंगे। महायज्ञ में 20 हजार से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इसे देखते हुए दो मुख्य द्वार बनाए गए हैं। दोनों में लोगों का आना-जाना होगा। इसके अलावा आहूति देने वाले श्रद्धालुओं व अन्य लोगों के लिए खास इंतजाम किए गए हंै। देश के विभिन्न प्रदेश व जिले से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए रूकने व भोजन की व्यवस्था की गई है। दो दिन पहले से भोजनालय शुरू हो चुका है। साहित्यिक स्थल भी बनाया गया है। यज्ञ का समापन 13 नवंबर को होगा। पुलिस ने भी सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की है। ड्रोन कैमरों से नजर रखी जाएगी।
यहां की गई है पार्किंग की व्यवस्था
इंदिरा स्टेडियम के स्वीमिंग पुल के पास पार्किंग की व्यवस्था की गई है। यहां दो पहिया व चार पहिया वाहन खड़ी किए जा सकेंगे। वीआईपी लोगों की पार्किंग एक नंबर गेट के दायीं ओर स्टैंड के पीछे बनाई गई है, ताकि लोगों को यज्ञ स्थल तक पहुंचने में लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
टीपी नगर में होगा कलश यात्रा का संगम
अश्वमेध यज्ञ रजत जयंती महोत्सव विराट गायत्री महायज्ञ की कलश यात्रा शहर के दो स्थानों से निकाली जाएगी। यात्रा सीएसईबी गायत्री प्रज्ञा पीठ से और सीतामणी से दोपहर निकलेगी। दोनों स्थानों की कलश यात्रा टीपी नगर इंदिरा स्टेडियम के सामने संगम होगा।