कलेक्टर किरण कौशल ने सोमवार को सुबह अचानक जिला अस्पताल में किए गए इंतजामों का निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल का भ्रमण कर ओपीडी में मरीजों की लगी भीड़ पर सिविल सर्जन के प्रति गहरी नाराजगी व्यक्त की। कलेक्टर ने अस्पताल जैसी संवेदनशील जगह पर लोगों की भीड़ लगने को अनुचित मानते हुए मौके पर ही सिविल सर्जन डॉक्टर अरूण तिवारी के प्रति गहरी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने सभी डॉक्टरों को अपने-अपने कमरों में बैठकर निर्धारित समय में मरीजों की जांच और ईलाज करने के निर्देश दिए।
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जनता रही घर के भीतर, कफ्र्यू से तोड़ी कोरोना की कमर, शाम पांच बजते ही लोगों ने बजाई ताली और थालीकलेक्टर कौशल के औचक निरीक्षण के दौरान सिविल सर्जन डॉक्टर अरूण तिवारी अन्य डॉक्टरों के साथ बैठक कर रहे थे। इस कारण से ओपीडी में डॉक्टर उपस्थित नहीं थे और मरीजों की भीड़ ओपीडी परिसर में लग गई थी। मौके पर पहुॅंची कलेक्टर ने अस्पताल जैसी बेहद संवेदनशील जगह पर इतनी भीड़ देखकर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए सिविल सर्जन और सभी डॉक्टरों को तलब किया। कलेक्टर ने सभी डॉक्टरों को कोरोना वायरस के संक्रमण के इन मौजूदा हालातों में अपने-अपने कक्षों में बैठकर मरीजों की सघन जांच करने के निर्देश दिए। उन्होंने इस दौरान अस्पताल स्तर पर किसी भी प्रकार की बैठक आदि आयोजित नहीं करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
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कोरोना वायरस के चेन को तोडऩे अब 31 मार्च तक कोरबा से चलने वाली सभी यात्री ट्रेनें रद्द कलेक्टर ने कोरोना वायरस के संक्रमण से बने हालातों और उसकी रोकथाम के लिए किए जा रहे इंतजामों के मद्देनजर सिविल सर्जन डॉक्टर अरूण तिवारी के सभी प्रशासनिक अधिकारों को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा निर्वहन किए जाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने अस्पताल में इस संबंध में सभी जरूरी इंतजाम और जांच उपकरणों तथा दवाओं आदि की समुचित मात्रा में व्यवस्था के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को तत्काल निर्देशित किया।