गांव में स्थित तालाब में करीब 20 फीट की दूरी पर गहरे पानी में बांस बल्ली के सहारे पंडाल का निर्माण किया गया था। तालाब के बीच स्थित तालाब होने से आकर्षण का केंद्र बना हुआ था। पंडाल की क्षमता 30 से 35 लोगों की सहने की थी, पर आरती के समय 50 से भी अधिक लोग आरती के दौरान पंडाल में प्रवेश कर गए। इससे पंडाल भरभरा कर गिर गया। करंट प्रवाहित तार भी पानी की चपेट में आ गया। इससे अफरा-तफरी मच गई। तीन व्यक्ति करंट की चपेट में आ गए। इसके बाद एक व्यक्ति की सूझबूझ से बड़ी घटना टल गई। उसने करंट प्रवाहित तार को डिसकनेक्ट कर दिया। मंडप के अंदर साउंड सिस्टम में लगे हुए कीमती सामान, लोगों के मोबाइल, एवम कुछ महिलाएं के गहने इत्यादि, सभी पानी मे डूब गए।
बाल-बाल बचे विधायक
बताया जाता है कि कटघोरा विधायक पुरुषोत्तम कंवर को भी गणेश समिति की ओर से आमंत्रित किया गया था। सुखद संयोग ये रहा कि घटना के कुछ देर बाद वहां विधायक पहुंचे। भीड़ के बीच विधायक पूजा-अर्चना करने जाते तो शायद वे भी इस घटना की चपेट में आ सकते थे।