ग्रीन कीलबैक सांप
इसके बाद गोस्वामी ने इसकी जानकारी अपने संस्था के एनटीपीसी रेस्क्यू टीम के सदस्य रघुराज सिंह को दी। रघुराज सिंह ने भी बिल्कुल देरी नहीं की और तुरंत अपने टीम के सदस्य विक्की सोनी, शंकर राव, सागर साहू, महेश्वर,लोकेश, मोनू, आयुष, कृष्णा, ऋतुराज, प्रिया मंडल, अंजलिरेडी के साथ ग्राम सिरकी पहुंचे। जब वे मौके पर पहुंचे तो सदस्यों ने देखा कि वह एक ग्रीन कीलबैक सांप है।
पंचनामा तैयार कर सुरक्षित छोड़ा
इसके उपरान्त सदस्यों ने बड़े ही सुरक्षा और सावधानी के साथ सांप को रेस्क्यू किया। रेस्क्यू के बाद वनविभाग कटघोरा मंडल रेंजर ऑफिसर सुखदेव सिंह मरकाम और चौकीदार विदेशी यादव, छुरी आरसीआरएस टीम और एनटीपीसी आरसीआरएस टीम के उपस्थिति मे पंचनामा तैयार कर सांप को सुरक्षित पर्यावरण में छोड़ दिया गया।
सर्प विशेषज्ञों के मुताबिक यह सांप हरी घास, झाड़ियों में रहता है और बेहद ही फुर्तीला होता है। पलक झपकते ही गायब हो जाता है। मेंढक, चूहे को खाने वाला यह सांप शाम होते ही सक्रिय हो जाता है। इसकी आंख बड़ी होती है। बेंगलुरू में हुए एक अध्ययन के मुताबिक यह सांप 8-15 अंडे तक देता है और सितंबर से अक्टूबर माह इसके अंडे देने का समय होता है।