गौरतलब है कि कवासी लखमा ने झीरम कांड को राजनीतिक हत्या करार दिया था। इसकी सच्चाई जानने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और अन्य जिम्मेदारों की नार्को टेस्ट कराने की मांग की थी। लखमा ने कहा कि था कि उनका नाम राजनीतिक वजह से घसिटा जा रहा है। भाजपा नेता शिव नारायण द्विवेदी ने लखमा के नार्को टेस्ट कराने की मांग उठाई थी। इसका जवाब देते हुए लखमा ने कहा था कि मैं नार्को टेस्ट के लिए तैयार हूं।
25 मई 2013 को कांग्रेस के परिवर्तन यात्रा पर झीरम झाटी में हमला हुआ था। इसमें पार्टी के तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार पटेल, वरिष्ट नेता विद्याचरण शुक्ल सहित 29 लोगों की मौत हुई थी।