घट चुकी हैं कई घटनाएं, अब एहतियात
हाल ही में संप्रेषण गृह से एक किशोर को सुनवाई के लिए किशोर न्याय बोर्ड लाए जाने के दौरान वह जवान से हाथ छुड़ाकर भाग निकला था। ऐसी और भी घटनाएं पूर्व में घट चुकी हैं। ऐसे में पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होने से इस तरह की परिस्थितियों के पुनरावृति की संभावनाएं समाप्त हो जाएंगी।
निर्णय आने में भी नहीं होगी देर
कई बार पेशी वाली तारीख को बल के उपलब्ध नहीं होने के कारण किशोरों को संपे्रषण गृह से बाहर लाना मुमकिन नहीं हो पाता। जिसके कारण पेशी में देरी से निर्णय आने भी देरी होती है। लेकिन वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी होने से तय तारीख में ही बाल अरोपी पेशी में उपस्थ्ति रहेंगे।
-तय तारीख पर पेशी पूरी करने के साथ ही अन्य परेशानियों से बचने के लिए अब वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेशी होगी। जिसके लिए एंटिना आदि लगा दिए गए हैं। अब एलईडी टीवी व अन्य सेटअप भी लगाए जा रहे हैं। उम्मीद है नवंबर के अंत में यह प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
-दया दास महंत, जिला बाल संरक्षण अधिकारी