सूचना पुलिस को दी गई। मर्ग कायम कर पुलिस जांच कर रही है। शीतल ने अपने हाथ पर पेन से एक लाइन लिखी है इसमें कहा है कि मैं अपने पिता की तरह जिंदगी नहीं जीना चाहती। इसके आगे कुछ और शब्द भी लिखा है। हथेली बंद होने से और शब्दों को नहीं पढ़ा जा सका है। शीतल छुरी के पास स्थित केपीएस स्कूल में कक्षा ११वीं की छात्रा थी।
शीतल की माता-पिता के रिश्ते में दरार
पुलिस को प्रारंभिक जांच में पता चला है कि शीतल के पिता तुलसीराम का अपनी पत्नी निशा से संबंध ठीक नहीं हैं। शीतल अपनी मां के साथ इंदिरा नगर में एक किराए की मकान में रहती थी। निशा एक स्थानीय ऑर्केस्ट्रा में गायिका है। शीलत के पिता बलगी में रहते हैं।
राखी के दिन मां के साथ कोरबा गई थी छात्रा
रक्षा बंधन के दिन शीतल अपनी मां के साथ कोरबा पहुंची थी। शाम को घर लौटना चाहती थी। मां ने शीतल को घर छोड़ दिया था। वह ऑर्केस्ट्रा में एक गाने की रिकार्डिंग कराने कोरबा चली गई थी। शीतल घर में अकेली थी।