इससे नाराज लोगों ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की अगवाई में मंगलवार को रेल रोको आंदोलन किया। प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए सुबह से ही कम्युनिस्ट पार्टी के समर्थक और स्थानीय लोग कुसमुंडा में एकत्र होने लगे थे। दोपहर लगभग 12 बजे सर्वमंगला मंदिर से रैली निकालते हुए लोग सर्वमंगला पुल के करीब रेल की पटरियों पर बैठ गए। लोगों ने धरना प्रदर्शन शुरू किया। इसकी जानकारी मिलते ही रेल और कोरबा जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। प्रदर्शनकारियों को समझाकर रेलवे ट्रैक को खाली कराने का प्रयास किया। लेकिन प्रदर्शकारियों ने रेलवे प्रबंधन और प्रशासन की एक नहीं सुनी। बंद रेल गाड़ियों को चालू करने की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों की ओर से लगातार नारेबाजी की गई।
बातचीत करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से कटघोरा एसडीएम कौशल प्रसाद तेंदुलकर, दर्री सीएसपी लितेश सिंह, दीपका तहसीलदार और क्षेत्रीय रेल प्रबंधन प्रभात कुमार सुरक्षा बलों के साथ मौके पर पहुंचे। लेकिन दोपहर १२ बजे से दोपहर ढाई बजे तक आंदोलन जारी रहा। प्रदर्शकारी अप और डाउन लाइन पर बैठ रहे। इससे प्रदर्शन अवधि तक रेलवे गेवरा रोड से बिलासपुर की ओर एक रैक कोयला भी नहीं निकाल सका। प्रदर्शन में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, सीटू, छत्तीसगढ़ किसान सभा, कुसमुंडा के व्यापारी, ऑटो चालक, भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के अलावा क्षेत्र के लोगों ने रेल रोको आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
रेलवे की आलोचना
प्रदर्शनकारियों ने यात्री गाड़ियां रोके जाने पर रेलवे की तीखी आलोचना की है। माकपा नेता प्रशांत झा ने बताया कि रेलवे प्रबंधन अपनी आश्वासन को पूरा नहीं करता है तो आने वाले दिन में फिर से उग्र आंदोलन किया जाएगा। आरोप लगाया कि कोयला परिवहन के लिए रेलवे ने यात्री गाड़ियों का परिचालन गेवरा रोड से बंद किया है।