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कोरबा

पुलिस ने नहीं निकालने दी रैली, आठ घंटे की ड्यूटी और साप्ताहिक अवकाश की मांग को लेकर महिलाओं ने की नारेबाजी

– अफसरों ने प्रदर्शन करने आई पुलिस परिवार की महिलाओं पर दबाव बनाने की कोशिश की।

कोरबाJun 22, 2018 / 02:34 pm

Shiv Singh

पुलिस ने नहीं निकालने दी रैली, आठ की घंटे की ड्यूटी और साप्ताहिक अवकाश की मांग को लेकर महिलाओं ने की नारेबाजी

पुलिस ने नहीं निकालने दी रैली, आठ की घंटे की ड्यूटी और साप्ताहिक अवकाश की मांग को लेकर महिलाओं ने की नारेबाजी

कोरबा. पुलिस जवानों की सुविधाएं बढ़ाने के समर्थन में परिवार की महिलाएं बुधवार को सड़क पर उतरीं। आठ की घंटे की ड्यूटी और साप्ताहिक अवकाश की मांग को लेकर घंटाघर स्थित चौपाटी के पास नारेबाजी और प्रदर्शन किया। पुलिस में ड्यटी करने वाले जवानों की सुविधाओं में बढ़ोत्तरी की मांग की। हालांकि महिलाओं के आंदोलन को पुलिस ने आधे घंटे में दबा किया। रैली निकालने पहुंची ४० महिलाओं को हिरासत में लिया। बस में बैठाकर पुलिस लाइन भेज दिया। रैली को निकलने नहीं दिया।
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प्रदेश व्यापी आह्वान पर बुधवार को दोपहर पुलिस जवानों के समर्थन में प्रदर्शन और रैली निकालने बड़ी संख्या में पुलिसजनों के परिवार की महिलाएं घंटाघर स्थित चौपाटी के पास पहुंची। इनमें पत्नी और बच्चे भी थे। प्रशासन ने इन्हें रैली निकालने की अनुमति नहीं दी थी। एएसपी कीर्तन राठौर, सीएसपी सुरेन्द्र साय पैकरा, डीएसपी साधना सिंह, इंस्पेक्टर एसएस पटेल और बालकोनगर थानेदार भी चौपाटी पहुंच गए। अफसरों ने प्रदर्शन करने आई पुलिस परिवार की महिलाओं पर दबाव बनाने की कोशिश की। उनके चेहरे से स्कार्फ को खोलवा कर वीडियो रिकार्डिंग की और फोटो भी खींचा।
पुलिस ने नहीं निकालने दी रैली, आठ की घंटे की ड्यूटी और साप्ताहिक अवकाश की मांग को लेकर महिलाओं ने की नारेबाजी
महिलाओं को डांट फटकार भी लगाई। कड़े शब्दों में कहा कि इतनी समझाइश के बाद भी प्रदर्शन के लिए आ गए। पुलिस में कार्यरत महिलाओं के पति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की धमकी दी। कहा कि सर्विस रिकार्ड से फोटो का मिलान कर कार्रवाई की जाएगी। लेकिन महिलाएं नहीं झुकी। महिलाओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। मीडिया से चर्चा करते हुए प्रदर्शन करने आई एक महिला ने कहा कि उसके पति पुलिस में हैं। जरूरत पडऩे पर थाने में २४ घंटे की ड्यूटी ली जाती है। साप्ताहिक अवकाश भी नहीं दिया जाता है। प्रदेश के भीतर या बाहर बदमाश को पकडऩे जाने पर बेहद कम भत्ता दिया जाता है। ड्यूटी के नाम पर निचले स्तर के कर्मचारियों को प्रताडि़त किया जाता है। महिला ने कहा कि आठ घंटे की ड्यटी और हफ्ते में एक दिन अवकाश देने की मांग की जा रही है। साथ ही आवास सहित अन्य भत्ता में बढ़ोत्तरी की मांग भी जा रही है।
इधर प्रदर्शन के बीच मौके पर उपस्थित पुलिस अफसरों ने लाइन से फोर्स और बस बुलायी। महिलाओं को घेरे में लेकर जबरदस्ती पुलिस की बस में बैठा कर पुलिस लाइन ले गए। महिलाओं के नाम, पुलिस में कार्यरत परिवार का नाम और पता पूछने के बाद सभी महिलाओं को देर शाम छोड़ दिया। पुलिस ने दो युवकों को भी हिरासत में लिया था।

आंदोलन को उकसाने के आरोप में केरकेट्टा गिरफ्तार, रिहा
कोरबा. पुलिस कर्मियों के आंदोलन को उकसाने के आरोप में पुलिस ने बर्खास्त इंस्पेक्टर आमृतलाल केरकेट्टा को गिरफ्तार किया है। उसे कोर्ट में पेश किया गया। जहां से बेल पर रिहा किया गया। आमृतलाल के खिलाफ रामपुर चौकी में केस दर्ज किया गया है। उसपर पुलिस कर्मियों के आंदोलन को उकसाने का आरोप है। पुलिस का आरोप है कि आमृतलाल ने मंगलवार को पुलिस लाइन पहुंचकर लोगों को आंदोलन के लिए उकसाया। रिपोर्ट रामपुर चौकी प्रभारी मेलाराम कठोतिया ने लिखाई है।

पुलिस लाइन में पहरा
पुलिस जवानों के परिवार के आंदोलन को दबाने के लिए अफसरों ने पूरी तैयारी कर ली थी। पुलिस लाइन के गेट पर आधा दर्जन से अधिक सिपाहियों की ड्यूटी लगाई गई थी। किसी को भी बाहर जाने की अनुमति नहीं थी। इसके बाद भी कुछ महिलाएं पहरेदार को चकमा देकर धरना स्थल तक पहुंच गई। लाइन से बाहर रहने वाले पुलिस कर्मियों का परिवार भी प्रदर्शन में शामिल हुए।

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