गौरतलब है कि गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान का एरिया 1440.57 वर्ग किलोमीटर तक फैला हुआ है। उद्यान क्षेत्र में बाध, मोर, तेंदुआ, नीलगाय, भालू, चीतल, हिरण, बारह सिंघा, चिरकभाल, जंगली बिल्ली सहित ३२ प्रकार के जंगली जानवर हैं।
जंगल में गौर भी जल्द नजर आएंगे
राष्ट्रीय उद्यान प्रबंधन के अनुसार वन्य प्राणी गौर लाने की कवायद शुरू कर दी गई है। बलौदाबाजार बारनवापारा से ४६ नग गौर लाने अप्रुअल मिल चुका है। उद्यान प्रबंधन जर्जर बाड़े को संवारने में जुट गया है। करीब 3 साल पहले वन्यप्राणी गौर लाकर वंशवृद्धि करने प्रोजेक्ट बनाया गया था।
टाइगर रिजर्व बनने के बाद पर्यटन सुविधाएं बढ़ेंगी
नेशनल टाइगर कंजर्वेशन ऑथारिटी (एनटीसीए) गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व बनाने अप्रुअल मिल चुका है। जिसका एरिया 1440.57 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। वर्ष 2005 के सर्वेक्षण के हिसाब से 32 प्रकार के वन्यजीव प्राणी विचरण करते हैं। गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और सरगुजा के तमोर पिंगला अभयारण्य को मिलाकर टाइगर रिजर्व बनाया जाएगा। पहली बार टाइगर रिजर्व का पूरा क्षेत्रफल आया।
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20 दिन की विशेष निगरानी के बाद जंगल में छोड़ेंगे
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान (National Park) में करीब 30 की संख्या में चीतल लाए गए हैं। जिनको 20 दिन तक विशेष निगरानी में रखा गया है। उसके बाद जंगल में छोड़ा जाएगा। वहीं 150 की संख्या में और चीतल लाने की तैयारी है।
आर. रामाकृष्णा वाई, डायरेक्टर गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान कोरिया